दारुल उलूम देवबंद में भारी हंगामे के बीच पारित हुआ 36 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट
दारुल उलूम में हुई संस्था की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा की बैठक में हंगामे के बीच संस्था का करीब 36 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पारित किया गया। पारित बजट में पिछले साल के मुकाबले इस बार करीब एक करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। बैठक में आधुनिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर एक राय नहीं हो पाई और इस पर निर्णय लेने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया।
बता दें कि गुरुवार की देर रात्रि तक दारुल उलूम के मेहमानखाने में चली मजलिस-ए-शूरा की मैराथन बैठक में शूरा के सदस्यों ने एक रसूखदार शख्स को बिना शूरा की संस्तुति घर बनाने के लिए जमीन देने पर भी एक पदाधिकारी के खिलाफ नाराजगी जताई और इस पर जमकर हंगामा भी हुआ। तीन सदस्यों के इंतकाल के बाद रिक्त चल रहे शूरा के पदों पर नए सदस्यों की नियुक्ति को लेकर बैठक में काफी हंगामा हुआ। देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी जमात से जुड़े तीन चर्चित नामों को शूरा सदस्यों के समक्ष रखा गया था। घंटों विचार मंथन के बाद भी इन नामों पर सहमति नहीं बन पाई। जिसके चलते शूरा सदस्यों ने मौलाना आकिल सहारनपुरी, मौलाना शफीक बंगलौरी और मौलाना हबीब बांदवी को शूरा का सदस्य नियुक्त किया है। इससे पहले मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बनारसी ने आय व्यय का ब्योरा प्रस्तुत किया।