नई पीढ़ी को आतंकवाद के जहर से बचाया जाए यही सच्ची मानव सेवा होगी: दानिश सिद्दीकी
- सहारनपुर में आतंकवादी विरोधी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम का दृश्य।
सहारनपुर [24CN] । आतंकवाद विरोधी दिवस के उपलक्ष पर उर्दू तालिमी बोर्ड एवं आवाज इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वधान में मोहल्ला काजी के एक स्कूल के सभागार में 5 फरवरी की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार डॉ शाहिद जुबैरी ने की और संचालन उर्दू तालीम बोर्ड के महासचिव दानिश सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से किया। डॉक्टर शाहिद जुबैरी ने कहा कि समूचा विश्व पिछले कई दशो से आतंकवाद से पीडि़त रहा है ऐसी स्थिति उत्पन्न करने में कुछ मुल्क का अहम योगदान रहा है जिसमें हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का विशेष योगदान है। प्रत्येक वर्ष 5 फरवरी को समूचे अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर सॉलिडेरिटी डे जिसका मुख्य उद्देश्य है यह प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कैसी विडंबना है वह देश जो दर्शकों से आतंक का पोशाक व संरक्षक रहा है वह भारत के अभिर्र भारत के लोगों की अधिकारों की बात करता है। जबकि वास्तविकता इसके उलट हैं उदाहरण के तौर पर पाकिस्तान ही वह मात्र मुल्क है जिसने आतंक के सम्राट ओसामा को अपने यहां शरण दी। यही नहीं भारत में आतंक का पर्याय माने जाने वाले आतंकी दाऊद का भी संरक्षक पाकिस्तान ही बना हुआ है। पाक के कुरकु कृतियों की कथा यहीं समाप्त नहीं होती स्वयं को इस्लाम का झंडा बरदार बताने वाले पाकिस्तान ने अपने यहां के ही शिया,अहमदिया मुसलमानों की बुरी हालत की हुई है। पाकिस्तान में ही हुए दिहरी, मासूम बच्चों को कत्ले आम सामूहिक नरसहनक, लाल मस्जिद कांड जैसी को भी याद किया जाना चाहिए। पाकिस्तान कुरकर्म की सूची यहीं नहीं रुकती इसी पाक ने 5 फरवरी 1984 को एक भारतीय राज नायक रविंद्र महादरे की हत्या पाक ने ही करवाई थी।
आज यह भारत को आवश्यकता है कि पाकिस्तान के पीडि़त आतंकी चेहरे को बेनकाब करने के लिए 5 फरवरी को आतंकवाद विरोध दिवस के रूप में याद करें सभी पीडि़तों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें। उन्होंने कहा कि 5 फरवरी को देश भर में आतंकवाद विरोध दिवस के रूप में याद किया जाना चाहिए। इस अवसर पर ख्वाजा सलमान नासरी ने कहा कि कोई भी धर्म मानवता के विरोध नहीं होता इस्लाम धर्म में तो एक इंसान का कत्ल पूरे इंसानियत का कत्ल माना जाता है।
इस अवसर पर दानिश सिद्दीकी उर्दू तालीम बोर्ड के महासचिव ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से विनाश तो हो सकता है लेकिन दुनिया का विकास नहीं और कहा कि नई पीढ़ी को आतंकवाद के जहर से बचाया जाए यही सच्ची मानव सेवा होगी। इस अवसर पर एडवोकेट इंतेखाब आजाद ने विचार व्यक्त किये। आबिद हसन वफा सहरानपुरी व मंसूर राना ने आतंकवाद विरोध दिवस पर अपनी कविताओं पढ़ कर वाही वाही बटोरी। इस दौरान खुवाजा शयान नासरी,आरिश सिद्दीकी, अफनान नासरी,राफे सिद्दीकी, आदि मौजूद रहे।