नई दिल्ली। अति गंभीर चक्रवात का रूप धारण कर चुके यास से खतरे को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डा. मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को जानकारी दी कि चक्रवात बुधवार सुबह ओडिशा के बालेश्वर व भद्रक जिले के बीच स्थित धामरा के निकट तट से टकराएगा। इस समय 155-165 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलेगी जोकि 185 किलोमीटर प्रतिघंटा तक भी पहुंच सकती है। मौसम विभाग ने बंगाल व ओडिशा के लिए रेड अलर्ट (भारी बारिश की आशंका) जारी किया है। इस बीच, मंगलवार शाम बंगाल के हुगली और उत्तर 24 परगना जिले में अचानक बवंडर आने के बाद दो व्यक्तियों की करंट लगने से मौत हो गई जबकि करीब 80 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह घटना अप्रत्याशित थी।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पहली बार रिकार्ड संख्या में कुल 113 टीमें पांच राज्यों में तैनात की हैं। 52 टीमें ओडिशा और 45 टीमें बंगाल में तैनात की गई हैं। बाकी अन्य प्रभावित राज्यों में रहेंगी। इसके अलावा 50 टीमों को तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि पिछले तूफानों से सबक लेते हुए इस बार हमने अधिकतम टीमें लगाई हैं। राहत कार्य के लिए नौसेना के चार पोत भी तैयार रखे गए हैं। तेज हवाओं की आशंका के कारण बंगाल में ट्रेन, विमान व जलपोत को जंजीरों से बांधा गया है। प्रभावित क्षेत्र से आने-जाने वाली ट्रेन रद कर दी गई हैं और आक्सीजन प्लांट की सुरक्षा पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।

समुद्र में उठेंगी ऊंची लहरें

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पीके जेना के मुताबिक, यास चक्रवात के तट से टकराने की प्रक्रिया बुधवार सुबह करीब चार बजे शुरू होगी और आठ बजे तक चलेगी। आयुक्त ने बताया कि समुद्र में दो से चार मीटर की ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं। मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है। मौसम विभाग की सूचना के अनुसार, यास 15 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। पारादीप में डाप्लर रडार ने चक्रवात यास के केंद्र को चिन्हित कर लिया है।

ओडिशा में मंत्री कर रहे निगरानी

मंगलवार शाम ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य के हर नागरिक का जीवन अमूल्य है। किसी भी सूरत में इसे बचाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने स्थिति की निगरानी के लिए गृह राज्य मंत्री डीएस मिश्रा को भेजा है। बालेश्वर, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा व भद्रक जिले के सभी सरकारी कर्मियों की छुट्टी रद कर दी गई है। डा. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पारादीप से बंगाल के सागर द्वीप के बीच यास का सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा। भद्रक जिले के धामरा व चांदबाली क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होंगे। तूफान के जमीन से टकराने के छह घंटे पहले व छह घंटे बाद का समय सबसे महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व पुरी में टकराने वाले फनी चक्रवात की तुलना में यास का प्रभाव कम होगा।

पुरी समेत अन्य जिलों में भी सतर्कता

जेना के अनुसार, पुरी, ढेकनाल, नयागढ़, गंजम, जाजपुर और अंगुल जिले से भी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। पूरे प्रदेश में तीन लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। करीब पांच हजार गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। ओडिशा के सभी जिलों में सोमवार शाम से ही बारिश हो रही है। मंगलवार को भी तेज बारिश का सिलसिला जारी रहा। पांच प्रखंडों में पिछले 24 घंटे के दौरान 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। जेना ने बताया कि एनडीआरएफ के अलावा एसडीआरएफ की 60 टीमें, 205 अग्निशमन जवान, 86 पेड़ काटने वाली टीमें और 10,000 बिजली कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

बंगाल में चार हजार से अधिक भोजन केंद्र बने

बंगाल में नौ लाख लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बचाव कार्य की निगरानी कर रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में चार हजार से अधिक भोजन केंद्र खोले गए हैं। 74,000 अधिकारियों और कर्मचारियों तथा दो लाख से अधिक पुलिसकर्मियों को राहत व बचाव कार्य में लगाया गया है। जरूरत होने पर सेना की भी मदद ली जाएगी। कोलकाता में भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उत्तर व दक्षिण 24 परगना, पूर्व मिदनापुर और झाड़ग्राम जिले यास से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।