Cow Cess in MP: मध्यप्रदेश में गोशाला हेतु लगाया जाएगा ‘सेस’, मुख्यमंत्री कर रहे विचार
भोपाल । मध्य प्रदेश कैबिनेट ने कहा है कि गाय के वेलफेयर के लिए फंड जमा करने हेतु ‘सेस’ लगाने का विचार किया जा रहा है। भोपाल में रविवार को राज्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहली गाय कैबिनेट मीटिंग बुलाई और कहा कि गायों के उत्थान और कल्याण के लिए जमा किए जाने वाले फंड में बढ़ोतरी के लिए कर लगाने पर विचार किया जा रहा है। कैबिनेट की पहली बैठक में गौ आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च सेंटर विकसित करने का भी फैसला किया गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह ‘गौ कैबिनेट’ का गठन किया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई गो-कैबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। पर्यावरण को बचाने में गो-काष्ठ का उपयोग व्यापक स्तर पर किया जाएगा। गोशालाओं के संचालन के लिए कानून बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया, ‘मिड डे मिल के तहत कुपोषित बच्चों को दूध दिया जाएगा, अंडे नहीं।’ मुख्यमंत्री ने भोपाल से 220 किमी दूर अगर मालवा के सलारिया गांव में देश के पहले गायों के अभ्यारण्य का दौरा किया था और कहा कि यह देश के लिए आदर्श बनेगा। आगर-मालवा के सालरिया में स्थित गो-अभयारण्य में गो-संवर्धन अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा। गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा। गो-मूत्र के औषधीय उपयोग में वृद्धि की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा- गाय के गोबर का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘लोगों पर मैं मामूली टैक्स लगाने की सोच रहा हूं ताकि गोशालाओं के निर्माण और इसके रख-रखाव के लिए पैसे मिल सके।’ गायों की सुरक्षा व कल्याण के लिए सरकार एक पॉलिसी बनाएगी। उन्होंने पुराने समय की एक परंपरा को याद करते हुए कहा कि पहली रोटी गाय के लिए और आधी रोटी कुत्तों के लिए निकाली जाती थी लेकिन अब यह खत्म हो गई है इसलिए हम सोच रहे हैं कि लोगों पर टैक्स लगाया जाए ताकि गायों का रख रखाव उचित तरीके से हो सके। आज की पीढ़ी को गौ सेवा से जोड़ने के लिए ‘गौ पर्यटन’ की पॉलिसी बनाई जाएगी।