बरेली: निर्भया कांड जैसी वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी
बरेली के नवाबगंज में तीन साल पहले दलित बच्ची के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी करने वाले दो आरोपियों को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। आरोपियों ने वहशियाना ढंग से दुष्कर्म करने के बाद बच्ची की हत्या कर दी थी। कोर्ट ने आठ जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे शुक्रवार को कोर्ट द्वारा सुनाया गया। बता दें कि मामले में पीड़ित परिवार और गवाह तीन साल से न्याय की आस लगाए बैठे थे।
तीन साल पहले हुई थी दरिंदगी के बाद हत्या
मामला जनवरी 2016 का है। खबर सामने आते ही लोग सिहर उठे थे। 29 जनवरी 2016 को नवाबगंज की एक गांव के बारह साल की बच्ची अपनी मां के साथ गन्ने के खेत में पताई लेने गई थी। एक बार वह पताई लेकर आ गई। मां ने उसे दोबारा पताई लेने के लिए भेजा तो वह लौट कर वापस नहीं आई। तलाश करने पर उसकी निर्वस्त्र लाश सरसों के खेत में मिली।
जानकारी के मुताबिक बच्ची के गुप्तांग पर लकड़ी से कई वार किए गए थे। शरीर पर और भी कई गंभीर चोटें थीं। पीड़िता के पिता की तहरीर पर नवाबगंज पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
तत्कालीन इंस्पेक्टर नवाबगंज आरके सिंह ने 31 जनवरी 2016 को आरोपी मुरारीलाल को गिरफ्तार कर इस चर्चित हत्याकांड का खुलासा किया। आरोपी मुरारीलाल ने पुलिस को बताया कि उसने अपने साथी उमाकांत के साथ शराब के नशे में बच्ची के साथ पहले गैंगरेप किया था। लड़की ने अपने मां-बाप से शिकायत करने की धमकी दी तो गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी मुरारीलाल के कब्जे से पीड़िता के कपड़े और आरोपी उमाकांत के कब्जे से सफेद चादर बरामद की थी।
विवेचना के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और गवाही शुरू हुई। अभियोजन की ओर से मामले में 13 गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने उमा कांत और मुरली को इस मामले में दोषी ठहराया।