कोरोनावायरसः सूरत के हीरा कारोबार को लग सकती है आठ हजार करोड़ की चपत
कोरोनावायरस की चपेट में सूरत का हीरा (डायमंड) उद्योग भी आ गया है। इस वायरस के प्रभाव चीन से सटे हांगकांग के बाजार में भी देखने को मिल रहा है। हांगकांग भारतीय हीरा कारोबारियों के लिए एक बड़ा बाजार है। अभी हांगकांग ने वायरस के चलते स्कूल-कॉलेज को मार्च के पहले सप्ताह तक बंद कर दिया है।
रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के रीजनल चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने कहा कि सूरत से हर साल हांगकांग के लिए 50,000 करोड़ रुपये के पॉलिश्ड हीरों का निर्यात किया जाता है। यह भारत से हीरों के कुल निर्यात का 37 फीसदी है।
हांगकांग से लौट रहे हैं गुजराती कारोबारी
हांगकांग में सूरत के जिन कारोबारियों के दफ्तर हैं, वो भारत वापस आ रहे हैं। नवाडिया ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो इससे सूरत का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा। सूरत का हीरा उद्योग देश में आयातित 99 फीसदी कच्चे हीरो की पॉलिश करता है। अगले दो महीने (फरवरी और मार्च) में सूरत के हीरा उद्योग को 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
रद्द हो सकती है आभूषण प्रदर्शनी
हीरा कारोबारी प्रवीण नानावती ने कहा कि इस बात की संभावना है कि हांगकांग में अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी रद्द हो जाए। ऐसा होता है तो सूरत का आभूषण कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि सूरत में बने पालिश हीरे और आभूषण हांगकांग के जरिये दुनियाभर में भेजे जाते हैं। लेकिन अब वहां अवकाश की वजह से हमारा कारोबार पूरी तरह बंद हो गया है।