Coronavirus in India Latest update : एम्स की स्टडी में HCQ कारगर, ‘2-3 महीने में बन जाएगी कोरोना की दवा’

Coronavirus in India Latest update : एम्स की स्टडी में HCQ कारगर, ‘2-3 महीने में बन जाएगी कोरोना की दवा’

 

  • एम्स के साथ मिलकर कुछ वॉलंटियर्स ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर अध्ययन किया। ये प्रिवेंटिव दवा के तौर पर कुछ हद तक कारगर है।
  • एम्स डायरेक्टर के मुताबिक कोरोना की दवाई दो से तीन महीने में आ जाएगी। वैक्सीन साल के अंत तक या अगले साल शुरू में आ सकता है।
  • डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में डेथ रेट कम है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में इलाज की जरूरत है।

नई दिल्ली
एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने Unlock 1.0 सोशल डिस्टेंसिंग घटने पर आगाह किया है। उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन खुलते ही सोशल डिस्टेंसिंग घट रही है। कोरोना अभी भी है। केस बढ़ रहे हैं। अगर हमें इस पर रोक लगानी है और मरने वालों की संख्या रोकनी है, तो संभलना होगा। ये बहुत क्रिटिकल फेज है। सारे लोग अचानक बाहर निकलने लगे हैं।’

हर दिन लगभग 10 हजार लोगों के पॉजिटिव टेस्ट होने पर गुलेरिया ने कहा, ‘भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए पॉजिटिव मामले बढ़ेंगे। हमें डेथ रेट (death rate from coronavirus) पर फोकस करना चाहिए। अगर डेथ कम हो और संख्या ज्यादा हो तो बहुत मुश्किल नहीं है। पॉजिटिव केस से घबराना नहीं है। ये अच्छी बात है कि हम डेथ रेट को कंट्रोल करने में कामयाब रहे हैं।’

कैसा मास्क पहने
मास्क के बारे में पूछने पर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘हमारे पास तीन तरह के मास्क हैं- कपड़े का, सर्जिकल और एन-95। तीनों काम करते हैं। अगर किसी इंसान में कोरोना के लक्षण नहीं है और वो पॉजिटिव है तो खतरनाक है। ऐसे में अगर वो मास्क लगाता है तो किसी और को ट्रंसमिशन नहीं होगा। अगर पॉजिटिव और निगेटिव संपर्क में आ भी गए तो मास्क से प्रसार रुक सकता है। जहां हवा में वायरस फैल सकता है, जैसे आईसीयू तो वहां एन-95 जरूरी है। कपड़े का मास्क कारगर है। इसे हमेशा इस्तेमाल कर सकते हैं।’

उन्होंने बताया कि छींकने पर वायरस के कीटाणु ज्यादा फैलते हैं। कुछ देर के लिए वायरस हवा में रहता है, लेकिन तुरंत सरफेस पर बैठ जाता है। अगर अभी की बात करें तो गर्मी के कारण हवा में ये 10 से 15 मिनट से ज्यादा नहीं रह सकता। इसीलिए हम कहते हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें तो समस्या बहुत हद तक दूर हो जाएगी। एक बार सरफेस पर वायरस आ जाए तो छूने से भी फैल सकता है।

डॉक्टर गुलेरिया ने जॉगिंग करते समय कपड़े का मास्क लगाने की सलाह दी, जिससे ब्रिस्क वॉकिंग में कोई दिक्कत नहीं होगी। अगर पार्क में बहुत से लोग हैं तो मास्क जरूरी है। पर, अगर भीड़ नहीं है तो बिना मास्क के भी दौड़ सकते हैं।

एम्स डायरेक्टर ने बताया कि बिना लक्षण वाले रोगी को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं है। उनको घर में सही तरीके से अलग-थलग रहना चाहिए। 99 प्रतिशत मामलों में बिना लक्षण वाले रोगी ऐसे ही ठीक हो जाते हैं। ऐसे लोग दूसरों को इन्फेक्शन दे सकते हैं। ये गंभीर समस्या है। तो पॉजिटिव टेस्ट होती ही इन्हें आइसोलेट हो जाना चाहिए।

डॉक्टर गुलेरिया ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इस पर स्टडी हो रही है। अब तक जो डेटा आया है उसके मुताबिक ये लाभदायक है। ये सेफ मेडिसिन है। इसके साइड इफेक्ट ज्यादा नहीं हैं। जिन लोगों ने ये दवा ली थी उनमें कोरोना वायरस के लक्षण कम पाए गए। पर कोई ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।

गर्मी से कोविड का लेना-देना नहीं है। ये महा वायरस है। कुछ दिन तो रहेगा। वैक्सीन में अभी टाइम है। इस साल के अंत तक या अगले साल के शुरू में वैक्सीन आ जाएगी। अगले दो – तीन महीने में दवा तो आ जाएगी।


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