कोरोनावायरसः आयुर्वेद से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर हो सकता है बचाव, प्रतिदिन करने होंगे ये उपाय

कोरोना वायरस को लेकर पूरी दुनिया में डर का माहौल है। पूरे देश में 29 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, इनमें एक दिल्ली में है। 29 में से 14 मरीज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में, जबकि 8 मरीज सफदरजंग अस्पताल में भर्ती हैं।

ये स्थिति तब है जब न तो इस बीमारी का कोई उपचार है और न कोई विशेष दवा। ऐसे में आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) मजबूत बनाने से कोरोना वायरस से बचाव किया जा सकता है।

प्रशांत विहार स्थित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरपी पाराशर बताते हैं कि जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो, वे आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं।

सर्दी के मौसम में शरीर की इम्यूनिटी वैसे ही कमजोर हो जाती है जिससे बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए तुलसी, अदरक, लोंग, काली मिर्च, सौंठ, गिलोय व छोटी पिप्पली को दूध, चाय या पानी में उबालकर दिन में दो-तीन बार पीने से इम्यूनिटी में वृद्धि होती है। सौंठ, काली मिर्च व पिप्पली की गोली त्रिकटु के नाम से बाजार में उपलब्ध है। गिलोय अथवा गुडुची की गोली भी आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से आसानी से मिल जाती है।

वहीं आयुष मंत्रालय की समिति के सदस्य डॉ. एमके तनेजा बताते हैं कि समुद्री भोजन व मांसाहार से परहेज रखें। जब भी अपने घर या ऑफिस पहुंचे तो कम से कम 20 सेकेंड तक अपने हाथों को बेहतर साबुन से साफ करें, टिश्यू का इस्तेमाल करें। एक बार टिश्यू का इस्तेमाल करने पर दोबारा उसे प्रयोग में नहीं लाएं।

डॉ. पाराशर बताते हैं कि दूध में हल्दी, मुनक्का व खजूर उबाल कर लेने से इम्यूनिटी के स्तर में तुरंत सुधार होता है। बच्चों व बुजुर्गों के लिए इनका प्रयोग विशेष रूप से प्रभावी है। गिलोय, भुंई आंवला, संतरा, मौसमी, अंगूर व आंवले का प्रयोग इन दिनों नियमित रूप से करना चाहिए।

इन सब के अलावा चिकित्सक की सलाह पर आयुर्वेदिक दवाओं में तालीशादि चूर्ण, सितोपलादि चूर्ण, लक्ष्मी विलास रस, चंद्र अमृत रस, टंकण भस्म, वासावलेह, अगस्त्य हरीतकी आदि दवाओं का सेवन भी कर सकते हैं।