हैदराबाद की लैब में पैदा किए जा रहे कोरोना वायरस, दवा बनाने में हो सकते हैं मददगार
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- हैदराबाद स्थित सीसीएमबी की लैब में बनाया जा रहा है कोरोना वायरस, जीनोम स्ट्रक्चर समझने की कोशिश
- जीनोम स्ट्र्क्चर समझने के बाद ही कोरोना की वैक्सीन या दवा बनाने में मिल सकती है कामयाबी
- सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि दवा बनाने में लग सकता है एक साल का समय
हैदराबाद
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित एक लैब में कोरोना वायरस को पैदा किया जा रहा है। जी नहीं, डरिए मत। इस टेस्ट से वायरस के जीनोम स्ट्रक्टर को समझने की कोशिश की जा रही है। अगर वैज्ञानिक इसे सही ढंग से समझने में कामयाब हुए तो उम्मीद है कि कोरोना वायरस की दवा और टीका बनाने में आसानी और जल्दी दोनों हो सकती है। यह टेस्ट कोशिकीय और आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) की लैब में किया जा रहा है।
कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका जताते हुए सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा, ‘घातक कोरोना वायरस के खात्मे के लिए किसी भी देश को दवा बनाने या टीका विकसित करने में कम से कम एक साल लग सकता है। इसलिए अभी एक-दूसरे से सामाजिक दूरी और स्वच्छता बनाए रखना ही इस विषाणु की चपेट में आने से बचने का एकमात्र तरीका है।’
सीसीएमबी ने शुरू कर दी है कोरोना की जांच
राकेश मिश्रा ने कहा, ‘हमने Covid-19 पर रिसर्च शुरू कर दी है। हमने अपनी प्रयोगशालाओं में इस वायरस को बड़ी संख्या में पैदा करना शुरू कर दिया है, जिससे कि हम इसे कोशिकाओं में इसकी वृद्धि का अध्ययन करने के वास्ते सीरम जांच के लिए इस्तेमाल कर सकें।’ उन्होंने यह भी कहा कि सीसीएमबी ने मंगलवार से कोरोना वायरस के नमूनों की जांच शुरू कर दी। संस्थान एक दिन में सैकड़ों नमूनों की जांच करने में समर्थ है।
कोरोना वायरस: तबलीगी जमात ने निजामुद्दीन मरकज में यूं उड़ाई थीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियांदिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात की मरकज का एक विडियो सामने आया है। यह विडियो 26 मार्च की शाम का बताया जा रहा है और इसे मरकज की बिल्डिंग के अंदर बनाया गया है। इस विडियो में बड़ी संख्या में भीतर जमा लोग देखे जा सकते हैं। कोरोना वायरस संकट के चलते सरकार द्वारा घोषित किए गये लॉकडाउन और सरकारी दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए लोग यहां ग्रुप्स में बैठे दिखाई दिए और इन सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को भी ताक पर रख दिया। ।
सीसीएमबी निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा, ‘कोरोना के मामलों में कमी आने का सवाल ही नहीं है। सभी संकेत दर्शा रहे हैं कि मामले बढ़ने जा रहे हैं। ये कहां तक जाएंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हमारा लॉकडाउन कितना प्रभावी रहता है। चीन लोगों की गतिविधि नियंत्रित करने के कारण इससे बाहर निकल गया। कोई भी देश कम से कम एक साल से पहले टीका नहीं बना पाएगा।’ उन्होंने आगे कहा कि भारत को अपनी जांच क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि महामारी की सटीक स्थिति सामने आ सके।