Corona Vaccine Update: कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए चाहिए थे 100 लोग, 1 हजार से ज्यादा की लगी लाइन

- AIIMS को फोन, ईमेल और वॉट्सऐप के जरिए संपर्क कर रहे हैं वॉलंटियर्स
- एम्स की एथिक्स कमिटी से मंजूरी मिलने के बाद आज से शुरू हो सकता है काम
- फेज वन के इस ट्रायल में सिर्फ 100 लोगों को ही शामिल किया जाएगा
नई दिल्ली
एम्स में होने वाले कोविड-19 के एंटी वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में शामिल होने के लिए वॉलंटियर्स के बीच होड़ लग गई है। शनिवार शाम को एम्स की एथिक्स कमिटी से ट्रायल को मिली मंजूरी के बाद अस्पताल ने वॉलंटियर्स बनने की एक छोटी सी अपील की थी। इसके बाद अगले कुछ घंटों के अंदर एक हजार से भी ज्यादा लोग एम्स से संपर्क कर चुके हैं। जबकि एम्स में फेज वन के इस ट्रायल में सिर्फ 100 लोगों को ही शामिल किया जा सकता है। उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिन में ट्रायल शुरू हो जाएगा।
वॉलंटियर्स बनने के लिए जारी किया गया नंबर
एम्स में कोविड वैक्सीन प्रोजेक्ट के प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर व कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा कि ट्रायल के लिए वॉलंटियर्स बनने के लिए जो फोन नंबर जारी किया गया था, उस पर लगातार कॉल आ रही हैं। जिस प्रकार लोगों का इस ट्रायल से जुड़ने का उत्साह देखा जा रहा है, वह हमारे लिए भी किसी जोश से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने ईमेल व वॉट्सऐप के जरिए भी संपर्क किया है। हमारी कोशिश है कि हम हर किसी को जवाब दें और हमने यह काम शुरू कर दिया है।
ह्यूमन ट्रायल को लेकर आज बैठक
डॉक्टर संजय ने कहा कि ‘कमिटी से मंजूरी मिलने के बाद अब सोमवार से हमारा काम शुरू होगा। सोमवार को इस ट्रायल के लिए बनी टीम की बैठक की जाएगी, जिसमें हम आगे की रणनीति पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हम पहले वॉलंटियर्स की लिस्ट तैयार करेंगे, उसके बाद एक एक करके सभी को सैंपल देने के लिए बुलाया जाएगा।’ ट्रायल में शामिल होने वाले सभी की कोरोना जांच होगी, निगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें ट्रायल में शामिल किया जाएगा। मतलब जिन्हें पहले से कोविड हुआ है या जो संक्रमित हैं उन्हें इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अलावा कई और प्रकार की जांच होगी, जिसके लिए उनके ब्लड सैंपल लिए जाएंगे। सभी रिपोर्ट सही पाए जाने के बाद भी ट्रायल में शामिल किया जाएगा। डॉक्टर संजय ने कहा कि हमारी कोशिश है कि अगले दो से तीन दिन में इस ट्रायल को शुरू कर दिया जाए।
1450 बुजुर्गों को दी जाएगी बीसीजी वैक्सीन
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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की देखरेख में कोरोना के लिए बीसीजी टीका को भी टेस्ट करके देखा जा रहा है। नवजातों को दी जाने वाली यह वैक्सीन बुजुर्गों पर कैसा असर करती है, यह जानने के लिए छह राज्यों में ट्रायल होगा। 60 साल से ज्यादा उम्र वाले करीब डेढ़ हजार पार्टिसिपेंट्स को वैक्सीन की डोज दी जाएगी। फिर अगले छह महीने तक उनकी निगरानी होगी।
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दिल्ली के एम्स में Covaxin का सबसे बड़ा ह्यूमन ट्रायल होना है। इसके लिए एथिक्स कमिटी से मंजूरी मिलने के बाद अस्पताल ने छोटी सी अपील की थी। मगर अगले कुछ घंटों में सैकड़ों लोग ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो गए। फेज वन ट्रायल में दिल्ली एम्स में सिर्फ 100 वॉलंटिअर्स चाहिए। यहां अगले दो से तीन दिन में ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है। पूरी खबर पढ़ेंअमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन ट्रायल के अंतिम दौर में पहुंचने वाली है। हालिया स्टडी में वैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल में अच्छे नतीजे दिए थे। पहले फेज में सभी 45 पार्टिसिपेंट्स में ऐंटीबॉडी बनीं। फेज 3 ट्रायल में 30 हजार पार्टिसिपेंट्स शामिल होंगे। आधे को वैक्सीन की 100 माइक्रोग्राम डोज दी जाएगी जबकि बाकी को प्लेसीबो। clinicaltrials.gov के मुताबिक, 27 अक्टूबर, 2022 तक स्टडी चलनी चाहिए। मॉडर्ना की वैक्सीन दुनिया की सबसे ऐडवांस्ड वैक्सीन में शामिल है
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डेवलपमेंट और ट्रायल में भले ही ब्रिटेन और अमेरिका की वैक्सीन आगे हों, लेकिन चीन वो मुल्क है जिसने कई वैक्सीन कैंडिडेट्स को अलग-अलग देशो में ट्रायल पर रखा है। दुनिया की टॉप 20 कोविड-19 वैक्सीन में से आठ चीन की हैं। वहां की तीन वैक्सीन ट्रायल के आखिरी स्टेज में हैं। जर्मनी अभी अपनी वैक्सीन डेवलप करने के सेकेंड स्टेज में हैं जबकि ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां पहले स्टेज में हैं। मलेशिया में कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल दो दिन पहले शुरू हो चुका है।
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बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च काउंसिल (BMRC) ने एक चीनी कंपनी की बनाई कोविड वैक्सीन को फेज 3 ट्रायल की मंजूरी दे दी है। यह ट्रायल सात अस्पतालों में अगस्त महीने से शुरू होगा। 4,200 हेल्थ वर्कर्स को चीनी कंपनी Sinovac Research and Development Co Ltd ने बनाया है। इसका फेज 1 और 2 ट्रायल चीन में हो चुका है।
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रूस की वैक्सीन के ट्रायल में बाजी मारने की रिपोर्ट्स पिछले दिनों आई थीं। अब वहां के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वह थर्ड फेज क्लिनिकल ट्रायल से पहले ही जनता को वैक्सीन उपलब्ध करा सकते हैं। रूस दो तरह की वैक्सीन का फेज 3 ट्रायल 3 अगस्त से रूस के साथ-साथ यूएई में भी शुरू करने वाला है।
रिजल्ट आने में लगेगा समय
डॉक्टर संजय ने बताया कि इस ट्रायल के रिजल्ट आने में समय लग सकता है, क्योंकि आईसीएमआर और बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोविड-19 की यह वैक्सीन (Covaxin) की दो डोज शेड्यूल है। यानी हर किसी को दो बार वैक्सिनेशन किया जाएगा। इसके लिए 14 दिन का गैप है। इसके बाद ही यह पता लगेगा कि वैक्सीन का ह्यूमन पर किस प्रकार रिजल्ट आता है। उन्होंने कहा कि एम्स के लिए अच्छी बात यह है कि पहले फेज के ट्रायल के कुल 375 सब्जेक्ट में से 100 हमारे पास हैं। यह अच्छी बात है, इससे लोगों का विश्वास बढ़ेगा।