तापमान बढ़ने के साथ 88 फीसदी तक घटा कोरोना संक्रमण, नीरी के अध्ययन में हुआ खुलासा
तापमान बढ़ने के साथ ही कोरोना के संक्रमण में कमी आ रही है। इस पर अब देश के एक प्रतिष्ठित शीर्ष संस्थान के अध्ययन ने भी मुहर लगाई है। राष्ट्रीय पर्यावरणीय अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) के एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि दिन के औसत तापमान में बढ़ोतरी और कोरोना के संक्रमण में कमी के बीच 85 से 88 फीसदी तक गहरा संबंध देखने को मिला है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में हुए इस अध्ययन में पाया गया है कि तापामान जितना अधिक बढ़ता है, वायरस का प्रकोप उतना ही कम होता जाता है।
हालांकि, अध्ययन में इस बात पर भी बल दिया गया है भारत में बेहद घनी आबादी को देखते हुए तापमान और नमी के भरोसे सामाजिक दूरी और लॉकडाउन जैसे उपायों को नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि यहां की परिस्थितियों में वो बहुत ही ज्यादा कारगर साबित हो रहे हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक में दिन के औसत तापमान और नमी का कोविड-19 के बढ़ते मामलों के संबंध को लेकर हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई कि महाराष्ट्र में तापमान बढ़ने के साथ कोरोना के प्रकोप घटने में 85 फीसदी संबंध है, वहीं, कर्नाटक में पाया गया है कि तापमान बढ़ने और कोरोना का प्रकोप कम होने के बीच 88 फीसदी ताल्लुक है।
अध्ययन में पाया गया है कि वायरस ठंड और सूखे की स्थिति में ज्यादा समय तक जीवित रहता है। मसलन, यह 21-23 डिग्री तापमान पर किसी सख्त सतह पर 72 घंटे तक जिंदा रह सकता है।