थक पश्चिम प्रदेश निर्माण ही सभी समस्याओं का एकमात्र हल: वर्मा

थक पश्चिम प्रदेश निर्माण ही सभी समस्याओं का एकमात्र हल: वर्मा
  • सहारनपुर में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा की बैठक को सम्बोधित करते राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा।

देवबंद। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है। इसलिए उत्तर प्रदेश की उन्नति व विकास के लिए इसे चार भागों में बांटकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण जरूरी है।

भगतसिंह वर्मा कस्बा देवबंद में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के कार्यालय पर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों, 6 मंडलों, 27 लोकसभा क्षेत्रों, 137 विधानसभा क्षेत्रों और 8 करोड़ की जनसंख्या पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण होने तक पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बड़ा राज्य होने के कारण पूरा प्रदेश गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी व अव्यवस्था की चपेट में है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 26 जिले प्रदेश सरकार को 80 प्रतिशत राजस्व देते हैं। इसके बावजूद यहां के विकास पर मात्र 19 प्रतिशत ही धन खर्च किया जाता है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 करोड़ जनता के लिए अन्याय की बात है।

उन्होंने कहा कि पृथक पश्चिम प्रदेश बनने पर यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा व शिक्षा होगी और प्रति व्यक्ति वार्षिक आय कतर देश से भी अधिक होगी। उन्होंने राष्ट्रीय व प्रधानमंत्री से उत्तर प्रदेश को चार भागों में बांटकर पृथक पश्चिम प्रदेश का निर्माण कराने, देश की उन्नति के लिए छोटे राज्यों के निर्माण के लिए राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन करने, मेरठ में मिनी सचिवालय व हाईकोर्ट बैंच की तत्काल स्थापना कराने और सहारनपुर में चिकित्सा की सुविधा के लिए एम्स की स्थापना कराने की मांग की।

प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने कहा कि किसानों, मजदूरों, व्यापारियों, छोटे दुकानदारों, बुद्धिजीवियों, वकीलों, युवाओं और छात्रों को आंदोलन में आगे आकर बढ़-चढ़कर भागीदारी करनी चाहिए क्योंकि पृथक पश्चिम प्रदेश निर्माण से ही सभी समस्याओं का हल संभव है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए वसीम जहीरपुर ने कहा कि पृथक पश्चिम प्रदेश आज समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इससे यहां की आठ करोड़ जनसंख्या को सीधे फायदा होगा।

बैठक में रविंद्र चौधरी, प्रधान नीरज सैनी, प्रधान सुधीर चौधरी, हाजी सुलेमान, हाजी साजिद, कैसर आलम, महबूब हसन, हाजी बुद्धू हसन, डा. यशपाल त्यागी, सुभाष त्यागी, मांगेराम सैनी, जोगेंद्र व कालूराम आदि मौजूद रहे।