कश्मीर में 26/11 दोहराने का षड्यंत्र, पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर काम कर रहे आतंकी

श्रीनगर । कश्मीर में जी-20 सम्मेलन को विफल बनाने के लिए आतंकी संगठन मुंबई के 26/11 हमले जैसा षड्यंत्र रच रहे हैं। खुफिया एजेंसी के सहयोग से जम्मू कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने आतंकी संगठनों के मंसूबे सामने लाए हैं। उसने बताया कि जी-20 सम्मेलन के दौरान आतंकी दो से तीन जगहों पर एक साथ हमले की तैयारी में हैं।
आतंकियों का मकसद विदेशी मेहमानों को नुकसान पहुंचाने के अलावा होटल या सभागार में घुसकर लोगों को ठीक उसी तरह निशाना और बंधक बनाना है, जिस तरह 26 नवंबर, 2011 को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने मुंबई में किया था। पकड़ा गया ओवरग्राउंड वर्कर फारूक अहमद वानी बारामुला जिले के वागुब हैगाम का रहने वाला है। इसे 10 दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से एक ग्रेनेड व अन्य सामान मिला है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन बताया जा रहा है कि वह इंटरनेट मीडिया के जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लगातार संपर्क में था। वह श्रीनगर से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर बने पंचतारा होटल में वाहन चालक है।
जी-20 सम्मेलन में आए मेहमानों पर आतंकियों की नजर
जी-20 सम्मेलन में आने वाले देश-विदेश के मेहमानों का इस पर्यटनस्थल पर भी सैर का कार्यक्रम प्रस्तावित है। कुछ मेहमानों को उसी होटल में ठहराने की तैयारी थी, जहां फारूक काम करता था। यह जगह उत्तर कश्मीर में एलओसी से कुछ ही दूरी पर है। अगस्त, 2015 में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर आत्मघाती हमला करने वाला आतंकी नवीद व उसके साथी दुजाना ने इसी रास्ते से कश्मीर में घुसपैठ की थी।
केंद्रीय खुफिया एजेंसी, जम्मू कश्मीर पुलिस के सीआईडी विंग व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी हालात की समीक्षा कर जी-20 सम्मेलन को शांत और सुरक्षित माहौल में कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। फारूक से मिले सुरागों के आधार पर ही मार्कोस और एनएसजी के कमांडो श्रीनगर व गुलमर्ग में तैनात किए जाने का फैसला लिया गया है। कुछ खास होटल जहां विदेशी मेहमान ठहराए जाएंगे, में सेना के पैरा कमांडो तैनात किए जाएंगे।
आतंकियों को होटल में पहुंचाने वाला था फारूक
सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन के दौरान फारूक आत्मघाती आतंकियों के एक दस्ते को श्रीनगर से बाहर एक पर्यटनस्थल पर (जहां विदेशी मेहमानों के जाने का कार्यक्रम है) सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध कराने वाला था। जिस होटल में वह वाहन चालक है, वहां भी कुछ आतंकियों को वह पहुंचाने वाला था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां श्रीनगर, गुलमर्ग व कुछ अन्य जगहों पर सभी प्रमुख होटलों के कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच रही है। इसके साथ ही विदेशी मेहमानों को श्रीनगर और श्रीनगर से बाहर घुमाने के कार्यक्रम बदल दिया गया। निपटने के लिए रणनीति पर काम सम्म्ेलन के दौरान कश्मीर में आइईडी युक्त वाहन और स्टिकी बम के खतरे से निपटने व ड्रोन हमले की आशंका को समाप्त करने की रणनीति पर विशेष तौर पर काम किया जा रहा है।
होटलों व रास्तों की तस्वीरें सीमा पार भेजी
सूत्रों ने बताया कि फारूक के मोबाइल फोन की जांच में पता चला है कि उसने न सिर्फ होटल का पूरा ब्योरा बल्कि होटल के आसपास के कुछ खास इलाकों, रास्तों और होटल से कुछ ही दूरी पर स्थित सैन्य प्रतिष्ठान की तस्वीरें सीमा पार भेजी हैं। उसने श्रीनगर के कुछ होटलों और रास्तों का भी ब्यौरा हैंडलरों को दिया है। वह आइएसआइ के कुछ अधिकारियों और जैश के कमांडरों से सीधे संपर्क में था। बताया जाता है कि उसका पिता आइएसआइ के खास मुखबिरों में गिना जाता रहा है।
जी-20 सम्मेलन के लिए कश्मीर की तस्वीर बदली
श्रीनगर में जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत हो रहे विकास कार्यों की प्रगति जानने के लिए उपायुक्त मोहम्मद एजाज असद ने शुक्रवार शाम को शहर के विभिन्न भागों का दौरा किया। उन्होंने विभिन्न सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण किया। उनके साथ श्रीनगर नगर निगम के आयुक्त अतहर आमिर खान भी थे। उपायुक्त ने जीरो ब्रिज राजबाग, लाल मंडी, एलडी हास्पिटल रोड, गोगजीबाग, रामबाग, बजुल्ला, बघाट, पर्रेपोरा, हैदरपोरा, पेरबाग, हमहामा और एयरपोर्ट जंक्शन के सौंदर्यीकरण और पुनर्विकास कार्यों का जायजा लिया।
उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों और निष्पादन एजेंसियों उपलब्ध मशीनरी और जनशक्ति को चालू कार्यों की गति में तेजी लाने और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि आईजी रोड के साथ लगे भवनों की सड़कें, आसपास बाउंड्रीवाल आकर्षक दिखें। शहर को सुंदर बनाना एक संयुक्त प्रयास है। सभी विभाग श्रीनगर जिले में जी-20 सम्मेलन की मेजबानी करने में भूमिका निभाएंगे।