बीजेपी की गठबंधन सरकार को कांग्रेस का समर्थन… दो धुर विरोधी पार्टियां ऐसे आईं साथ
- मेघालय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक अंपारेन लिंगदोह ने कांग्रेस के इस कदम को मेघालय की आम जनता के हितों में उठाया गया कदम करार दिया है.
नई दिल्ली: देशज राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दो विपरीत ध्रुव हैं, जिनके मिलने की कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता. यह अलग बात है कि एक और जुमले ‘राजनीति में कुछ भी संभव है’ ने दोनों को न सिर्फ एक साथ ला खड़ा किया, बल्कि बीजेपी की गठबंधन सरकार को कांग्रेस ने समर्थन भी दे दिया. भारतीय राजनीति में इस उलटबांसी का गवाह बना है मेघालय, जहां बीजेपी नेशनल पीपुल्स पार्टी की गठबंधन सरकार में पहले से हिस्सेदार थी लेकिन अब कांग्रेस ने भी सरकार को मुद्दे आधारित समर्थन का ऐलान कर दिया है. इसके पीछे बड़ी वजह बनी है तृणमूल कांग्रेस (TMC), जिसने बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा समेत कांग्रेस के 17 विधायकों को तोड़ लिया था. इसके साथ ही बगैर चुनाव लड़े टीएमसी राज्य में मुख्य विपक्षी दल भी बन गई थी. दो धुर विरोधी पार्टियों के एक साथ आने पर अब मेघालय में टीएमसी और आप हायतौबा कर लोगों से धोखा की बात कर रहे हैं.
कांग्रेस ने मुद्दा आधारित समर्थन दिय़ा गठबंधन सरकार को
टीएमसी के तोड़ों अभियान के बाद मेघालय में कांग्रेस के 5 विधायक ही बचे हैं. इस भारी नुकसान के बाद परिस्थितियां इतनी तेजी से बदलीं कि कांग्रेस ने गठबंधन सरकार को समर्थन देकर राजनीतिक पंडितों समेत आम लोगों को भी हैरान कर दिया है. मेघालय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक अंपारेन लिंगदोह ने कांग्रेस के इस कदम को मेघालय की आम जनता के हितों में उठाया गया कदम करार दिया है. उनका कहना है कि लोगों के हितों की रक्षा के लिए हमने सरकार को कई मुद्दों पर समर्थन दिया है. कांग्रेस विधायक दल का तर्क है कि ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर एक साथ आना जरूरी हो गया था.
टीएमसी और आप ने बताया लोगों से धोखा
कांग्रेस का बीजेपी-कोनार्ड संगमा की सरकार को ‘मुद्दा आधारित समर्थन’ देने को टीएमसी ने बहुत बड़ा धोखा बताया है. टीएमसी में शामिल हुए मुकुल संगमा ने कांग्रेस के बदले रुख तंज कसते हुए कहा है कि यह इस बात को दिखाता है कि मेघालय कांग्रेस अस्त-व्यस्त और पूरी तरह से कंफ्यूज हैं. उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री और अक्सर बीजेपी और कांग्रेस को एक बताने वाले आप संयोजक ने एक मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए लिखा- मेघालय सरकार में बीजेपी और कांग्रेस शामिल हैं? घटनाक्रम के मुताबिक कांग्रेस के पांचों विधायकों ने बैठक के बाद मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा के साथ मुलाकात की. मेघायल के कांग्रेस प्रभारी वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘कांग्रेस विपक्ष में रहेगी और भूमिका निभाएगी. समर्थन का ऑफर राज्य के विकास के मुद्दों पर है.’ गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं, संगमा संग विधायकों के दलबदल से पहले 3 विधायकों की मौत हो गई थी, जबकि एक एनपीपी में शामिल हो गए थे.