2027 में फिर दिखेगी कांग्रेस-सपा की जोड़ी, अखिलेश यादव ने गठबंधन को बताया स्थायी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर गठबंधन की सरगर्मी तेज़ हो गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ संकेत दे दिया है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में भी सपा और कांग्रेस मिलकर चुनावी रण में उतरेंगी। लखनऊ में आयोजित सपा की अल्पसंख्यक सभा की बैठक में अखिलेश ने इस रणनीति पर मुहर लगाई।
गठबंधन पर कायम रहेंगे अखिलेश, दिया कार्यकर्ताओं को निर्देश
अखिलेश यादव ने कहा, “हम 2027 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेंगे। INDIA गठबंधन जारी रहेगा।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे बूथ स्तर पर मज़बूती से जुट जाएं और मतदाता सूची की गहराई से जांच करें।
इमरान मसूद पर नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
बैठक के दौरान सहारनपुर से आए कुछ नेताओं ने कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के हालिया बयान पर सवाल उठाए, जिसमें मसूद ने कहा था कि कांग्रेस को यूपी में किसी ‘बैसाखी’ की ज़रूरत नहीं है। हालांकि अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने से परहेज करते हुए कहा कि “पार्टी को अब 2027 की तैयारी पर ध्यान देना चाहिए।”
2017 की नाकामी से 2024 की वापसी तक का सफर
गौरतलब है कि सपा और कांग्रेस ने 2017 में भी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन नतीजे निराशाजनक रहे—सपा को 47 और कांग्रेस को केवल 7 सीटें मिली थीं। इसके उलट 2024 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन को जबरदस्त सफलता मिली: सपा ने 37 और कांग्रेस ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे इस साझेदारी को नई ताकत मिली है।
2027 में चुनावी मुकाबले की तैयारी
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल मई 2027 में समाप्त हो रहा है। अनुमान है कि फरवरी-मार्च 2027 के बीच चुनाव हो सकते हैं, हालांकि चुनाव आयोग ने अब तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। लेकिन अखिलेश यादव के ताज़ा बयान से स्पष्ट है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ साझा चुनौती देने की तैयारी में है।
इस बयान से प्रदेश में विपक्षी एकता की दिशा और मंशा दोनों साफ होती नजर आ रही है।