राहुल गांधी के बचाव में आई कांग्रेस, पवन खेड़ा बोले- हाथ आई पाक की गर्दन छोड़ दिखाई कायरता

राहुल गांधी के बचाव में आई कांग्रेस, पवन खेड़ा बोले- हाथ आई पाक की गर्दन छोड़ दिखाई कायरता
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई रोके जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमलावर संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के ‘नरेंदर का सरेंडर’ वाले बयान को कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने उचित बताया है।

क्या किसी दबाव में संघर्षविराम किया- कांग्रेस

उन्होंने कहा कि यह सोचना गलत है कि ”नरेन्द्र मोदी भारत हैं और भारत नरेन्द्र मोदी है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस करदाताओं तथा देश की जनता की ओर से सवाल पूछ रही है कि सेना की कार्रवाई से हाथ में आई पाकिस्तान की गर्दन को उन्होंने क्यों छोड़ दी और क्या किसी दबाव में संघर्षविराम किया?पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा की भक्त मंडली 11 साल से अपने ‘हीरो’ को स्थापित करने के लिए मुकद्दर का सिकंदर फिल्म बना रही थी। मगर, यह फिल्म तैयार हुई तो निकली नरेंदर का सरेंडर।

‘नरेन्द्र मोदी वास्तव में आत्मसमर्पण करने वाले मोदी हैं- कांग्रेस

भाजपा-आरएसएस के इतिहास को ‘कायरता का अध्याय’ होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि बहादुरी का कोई इंजेक्शन नहीं, यह इंसान का चरित्र होता है। बहरहाल, राहुल ने चीन से सीमा विवाद पर 21 जून, 2020 वाली अपनी एक्स पोस्ट को बुधवार को रिपोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा था ”नरेन्द्र मोदी वास्तव में आत्मसमर्पण करने वाले मोदी हैं।”खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार ने अपने 11 साल के कार्यकाल में बातें चाहे जितनी बड़ी-बड़ी की हों, मगर बेरोजगारी खत्म करने, किसानों की आय दोगुनी करने, चीन को आंख दिखाने – सब पर उन्होंने सरेंडर किया।

भाजपा-आरएसएस का इतिहास कायरता का है

उन्होंने कहा कि भाजपा-आरएसएस का इतिहास कायरता का है और जब ऐसा व्यक्ति देश की बागडोर संभालता है तो देश का भविष्य खतरे में आ जाता है और वर्तमान में यह दिख रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तब भी अमेरिका ने दबाव-धमकी दी थी, मगर इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति निक्सन की नहीं सुनी।

खेड़ा ने ट्रंप को लेकर कही ये बात

खेड़ा ने कहा कि जब बहादुर भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था, तब डोनाल्ड ट्रंप ने फोन किया और नरेन्द्र मोदी ने आत्मसमर्पण कर दिया।ट्रंप कई बार व्यापार की धमकी देकर भारत-पाकिस्तान में संघर्षविराम करवाने का बयान दे चुके हैं, पर मोदी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए, हम पूछ रहे हैं कि देश के स्वाभिमान के साथ यह सौदा क्यों किया गया? संघर्षविराम किन शर्तों पर हुआ?