डिफेंस कमेटी की मीटिंग से राहुल समेत कांग्रेस सांसद हुए बाहर, डोकलाम पर चाहते थे चर्चा

डिफेंस कमेटी की मीटिंग से राहुल समेत कांग्रेस सांसद हुए बाहर, डोकलाम पर चाहते थे चर्चा
  • कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के सांसदों ने बुधवार को रक्षा कमेटी की बैठक से वॉकआउट कर दिया है.

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के सांसदों ने बुधवार को रक्षा कमेटी की बैठक से वॉकआउट कर दिया है. जानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने बैठक में डोकलाम ( Doklam ) समेत सीमा संबंधी विषयों को लेकर चर्चा की मांग उठाई थी, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई. जिसके बाद राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य सांसदों (Congress MPs) ने रक्षा कमेटी की बैठक से वॉकआउट कर दिया.  सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य सांसदों ने रक्षा कमेटी के सामने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चर्चा करने की मांग की थी, लेकिन कमेटी के अध्यक्ष भाजपा के जुआल ओराम ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया. इस पर राहुल कांग्रेस पार्टी के सांसदों के साथ मीटिंग से उठकर चले गए. गांधी ने चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है और उस पर स्थिति को गलत तरीके से संभालने का आरोप लगाया है.

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी गलवान संघर्ष की बरसी पर बयान जारी किया था, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के साथ ही कई चीनी सैनिक मारे गए थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि एक वर्ष का समय गुजरने के बाद भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है तथा सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जवानों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि, 14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरा हो गया है। इसमें बिहार रेजीमेंट के हमारे 20 जवानों की जान चली गई थी। कांग्रेस हमारे जवानों के सर्वोच्च बलिदान को याद करने में राष्ट्र के साथ शामिल है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है उससे भारत को नुकसान उठाना पड़ा.

सोनिया ने कहा इसका बहुत ही धैर्य का साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी की हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई.