कांग्रेस आलाकमान के सख्त रुख से बदले विधायको के सुर

कांग्रेस आलाकमान के सख्त रुख से बदले विधायको के सुर

नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी घमासान जारी है. इसी बीच एक और बड़ी खबर है कि सवाईमाधोपुर जिले से विधायक इंदिरा मीणा, जितेंद्र सिंह और मदन प्रजापति के बाद अब अशोक गहलोत खेमे के चौथे विधायक संदीप यादव ने अपने सुर बदल लिए है. अब तिजरा से विधायक संदीप यादव ने भी सुर बदल लिए है उन्होंने बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान हर फैसला मंजूर है. उन्होंने यह कहा कि अगर सचिन पायलट राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री बनते है तो उन्हे कोई आपत्ति नही है.

राजस्थान में सियासी घमासान जारी है. कांग्रेस दो खेमे में बंट गयी है एक खेमा है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का और दूसरा खेमा है सचिन पायलट का. कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन के जयपुर दौरे के दौरान हूए ड्रामा के कांग्रेस आलाकमान सख्त है और सभी विधायको के खिलाफ सख्त कारवाई का मन बना चुकी है. 26 सितम्बर को दोनो पर्यवेक्षक के बिना किसी निर्णय के लौट जाने से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने सख्त रूख अपनाते हुए इसका लिखित में जवाब मांगा था. 26सितम्बर को 10 जनपथ में एक बड़ी बैठक बुलाई गई थी जिसमें सोनिया गांधी, के सी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन और दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी शामिल थे. के सी वेणुगोपाल पहले भी राजस्थान संकट उबार चुके है और कमलनाथ अशोक गहलोत के पुराने मित्र भी है.

दरअसल जयपुर में विधायको की अधिकारिक बैठक के दिन गहलोत गुट के 90 विधायक मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक में शामिल हुए थे और बैठक के बाद 82 विधायको ने विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा सौप दिया था. वही सवाईमाधोपुर जिले से विधायक इंदिरा मीणा ने आरोप लगाया था कि मंत्री धारिवाल के घर में कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराया गया था और उसमें क्या था यह उन्हे नही पता.