दिल्ली। बीजेपी की केंद्र सरकार ने लंबी बहस के बाद सोमवार (7 अगस्त) को राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक बिल को पास करवाने में सफल रही। राज्यसभा में बिल के समर्थन में वोटिंग के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज 90 वर्षीय नेता मनमोहन सिंह भी व्हीलचेयर पर पहुंचे। इन दिनों मनमोहन सिंह बिमार चल रहे हैं, इस अवस्था में उनको संसद में लेकर आने को लेकर अब कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग छिड़ गई है।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को संसद में लाए जाने पर बीजेपी ने ट्वीट (X) करते हुए इसे शर्मनाक और कांग्रेस की समन बताया। बीजेपी ने अपने ट्वीट में कहा, “याद रखेगा देश, कांग्रेस की ये सनक! कांग्रेस ने सदन में एक पूर्व प्रधानमंत्री को देर रात स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति में भी व्हील चेयर पर बैठाये रखा वो भी सिर्फ़ अपना बेईमान गठबंधन ज़िंदा रखने के लिए!”

कांग्रेस का बीजेपी पर पलटवार

कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा, “चरणचुंबकों की फ़ौज ऐक्टिव की गई है, लेकिन गिद्धों कितनी भी कोशिश कर लो सच ये है कि डाक्टर साहब (मनमोहन सिंह) का सदन में होना तुम्हारे आका की कायरता की पोल खोलता है। ये है डाक्टर साहब की लोकतंत्र में आस्था, और एक तुम्हारे जुमलावीर हैं जो सदन से मुंह छुपाये भाग रहे हैं। लगे रहो चरणचम्पकों।”

राघव चड्ढा ने मनमोहन सिंह को धन्यवाद किया

वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने 90 साल के दिग्गज कांग्रेस नेता को धन्यवाद दिया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “आज राज्यसभा में डॉ. मनमोहन सिंह ईमानदारी के प्रतीक के रूप में खड़े हुए और विशेष रूप से काले अध्यादेश के खिलाफ वोट करने आए।” लोकतंत्र और संविधान के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता एक प्रेरणा है। उनके अमूल्य समर्थन के लिए मैं हृदय से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”

झामुमो के सबु सोरेन भी सदन में पहुंचे

मनमोहन सिंह के अलावा विपक्ष की तरफ से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीमार सिबु सोरेन भी शामिल हुए। विधेयक के खिलाफ 102 सांसदों का समर्थन हासिल किया। मगर, राज्यसभा में भी दिल्ली सेवा विधेयक को संसदीय मंजूरी मिल गई। इसी के साथ अध्यादेश को 131-102 से मंजूरी मिल गई। केंद्र सरकार के समर्थन में (131) तो वहीं विपक्ष के समर्थन में (102) सांसदों ने वोट किया। बीजद और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस बिल पर केंद्र सरकार का समर्थन किया।