प्रधान पद के प्रत्याशियों के समर्थकों में संघर्ष, पूर्व प्रधान पति घायल

बडग़ांव [24CN] । थाना बडग़ांव क्षेत्रांतर्गत गांव जड़ौदा पांडा के मजरा किशनपुरा में वोट मांगने को लेकर आज सुबह साढ़े तीन बजे प्रधान पद के दो प्रत्याशियों व समर्थकों के बीच जमकर संघर्ष के बाद हुई आगजनी में एक प्रधान पद प्रत्याशी का पिता गम्भीर रूप से घायल हो गया। प्रधान पद के प्रत्याशी के पिता पर हुए जानलेवा हमले से ग्रामीणों ने हमले के आरोपी प्रधान पद प्रत्याशी की गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ करने के बाद एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। सूचना पर मौके पर पहुंची बडग़ांव पुलिस ने गम्भीर अवस्था में घायल को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया है तथा समर्थकों द्वारा फूंकी गई गाडिय़ों को कब्जे में ले लिया।
गौरतलब है कि थाना बडग़ांव क्षेत्र की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत जड़ौदा पांडा में 11 हजार मतदाता हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए चार प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। बताया जाता है कि आज सुबह जड़ौदा पांडा के मजरे किशनपुरा में प्रधान पद प्रत्याशी नवीन त्यागी उर्फ मोनू त्यागी के समर्थक लगभग साढ़े तीन बजे मतदाताओं से आधार कार्ड की कॉपी लेकर साइकिल की चाबी बांट रहे थे। चर्चा है कि बाद में सिलाई मशीन देने का वायदा भी किया जा रहा था जिसकी भनक लगने पर प्रधान पद के दूसरे प्रत्याशी आशीष त्यागी के पिता राकेश त्यागी भी गांव किशनपुरा पहुंच गए।
आरोप है कि मौके पर पहुंचते ही राकेश त्यागी पर लाठी-डंडों व तेज धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया जिसमें पूर्व प्रधान पति राकेश त्यागी गम्भीर रूप से घायल हो गए। घटना के समय गांव में फायरिंग होना भी बताया जा रहा है। पूर्व प्रधान पति पर हमले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने हमले के आरोपी प्रधान पद प्रत्याशी नवीन त्यागी की दो गाडिय़ों में बुरी तरह तोडफ़ोड़ करने के बाद एक गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने घायल राकेश त्यागी को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया तथा दिन निकलने से पूर्व ही पुलिस ने दोनों क्षतिग्रस्त गाडिय़ों को कब्जे में ले लिया।
थाना बडग़ांव प्रभारी निरीक्षक रणवीर सिंह का कहना है कि मौके से एक युवक को हिरासत में लिया गया है परंतु अभी तक किसी भी पक्ष की ओर से कोई तहरीर नहीं आई है। ज्ञात रहे कि जड़ौदा पांडा में चुनावी रंजिश कोई नई बात नहीं है। विगत दस वर्ष पहले तक इस गांव में दर्जनों हत्याएं हो चुकी हैं। लगभग दस वर्ष पूर्व एक ग्राम प्रधान की हत्या के बाद गांव में समझौता हो गया था तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी। अब लगभग दस वर्ष बाद चुनावी माहौल में मारपीट व आगजनी की पहली घटना है।