जमीयत उलेमा हिंद के सम्मेलन में फिलिस्तीन के हालात पर जताई चिंता

जमीयत उलेमा हिंद के सम्मेलन में फिलिस्तीन के हालात पर जताई चिंता
  • सहारनपुर में जमीयत उलेमा हिंद के सम्मेलन को सम्बोधित करता वक्ता।

सहारनपुर। जमीयत उलेमा हिंद के तत्वावधान में आयोजित बुद्धिजीवी वर्ग सम्मेलन में फिलिस्तीन के हालात पर चिंता व्यक्त की गई। सम्मेलन में फिलिस्तीन के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए गहरी हमदर्दी जताई गई।

जमीयत उलेमा हिंद के बुद्धिजीवी वर्ग सम्मेलन में पारित प्रस्ताव और जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि हम फिलिस्तीन के मित्र लोग फिलिस्तीन विशेषकर गाजा की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम निर्दोष लोगोंं, यहां तक कि बच्चों और महिलाओं की लगातार हत्या के साथ-साथ उनके भोजन, पानी, चिकित्सा और बिजली को आपूर्ति रोके जाने और आबादी वाले क्षेत्रों पर लगातार बमबारी और गाजा को खाली करने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं। हमें यह हमेशा याद रखना चाहिए कि यहुदी कब्जे की वजह से गत कई वर्षों से फिलिस्तीनियों को उनके घरों व जमीनों से लगातार बेदखल किया जा रहा है और इस भूमि के मूल निवासियों फिलिस्तीनियों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार किया जा रहा है।

ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को तुरंत कार्रवाई करने और रक्तपात रोकने के लिए कार्रवाई करने की आवश्यकता है। फिलिस्तीनियों के अधिकारों को बहाल करना और इस सम्बंध में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना क्षेत्र में निरंतर शांति के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रस्ताव में सरकार से मांग की गई कि वह भारत की लम्बे समय से चली आ रही उपनिवेशवाद विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक विदेश नीति को जारी रखे जिसकी महात्मा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक वकालत कर चुके हैं और फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों को साकार करने में अपने प्रभाव क्षेत्र का उपयोग करें।