त्रिवेणी के पानी की गुणवत्ता पर CM योगी का जवाब, बोले- नहाने और आचमन दोनों के योग्य है जल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भव्य महाकुंभ जारी है और श्रद्धालु रिकॉर्ड संख्या में संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच राज्य में विपक्षी दलों की ओर से त्रिवेणी संगम में पानी की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए गए थे। हालांकि, अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद विधानसभा में इन सवालों का जवाब दिया है। सीएम योगी ने कहा है कि संगम का पानी न केवल नहाने के लिए बल्कि आचमन के लिए भी उपयुक्त है।
शिवपाल यादव ने उठाए थे सवाल
दरअसल, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार को त्रिवेणी संगम के पानी की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़ा किया था। एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए शिवपाल ने लिखा- “महा कुंभ में गंगा स्नान से पहले पानी शुद्ध करने के सरकारी दावों की पोल खुल गई! CPCB रिपोर्ट कहती है कि पानी में फ़ीकल बैक्टीरिया तय सीमा से ज़्यादा है। अब भक्त सोच रहे हैं – “ये डबल इंजन सरकार है या डबल इंफेक्शन सरकार?”
नहाने और आचमन दोनों के योग्य है पानी- सीएम योगी
पानी की गुणवत्ता पर जवाब देते हुए सीएम योगी ने बताया- “फेकल बैक्टीरिया रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कहा, “त्रिवेणी के पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। संगम और उसके आसपास के सभी पाइप और नालों को टेप कर दिया गया है और पानी को शुद्ध करने के बाद ही छोड़ा जा रहा है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है। आज की रिपोर्ट के अनुसार संगम के पास BOD की मात्रा 3 से कम है और घुलित ऑक्सीजन 8-9 के आसपास है। इसका मतलब है कि संगम का पानी न केवल नहाने के लिए बल्कि आचमन के लिए भी उपयुक्त है।”
महाकुंभ को बदनाम करने के लिए झूठा अभियान- सीएम योगी
सीएम योगी ने बताया- “फेकल कोलीफॉर्म बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे सीवेज लीकेज और जानवरों का मल, लेकिन प्रयागराज में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानकों के अनुसार 2,500 MPN प्रति 100 ml से कम है। इसका मतलब है कि झूठा अभियान केवल महाकुंभ को बदनाम करने के लिए है। NGT ने भी कहा है कि फेकल अपशिष्ट 2000 MPN प्रति 100 ml से कम था।”