Atiq-Ashraf हत्याकांड की जांच करेगा न्यायिक आयोग, सीएम योगी का ऐलान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की है, जो शनिवार रात पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में गैंगस्टर से नेता बने अतीक (Atiq) अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच करेगा. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने देर रात हाई लेवल मीटिंग की. इसके बाद राज्य को हाई अलर्ट पर रख प्रदेश के सभी 75 जिलों में धारा 144 लगा दी गई है. प्रयागराज में अतीक की हत्या के मौका-ए-वारदात और माफिया डॉन के घर पर पीएसी और आरएएफ को तैनात कर दिया गया है. साथ ही प्रयागराज में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी के लिए प्रयागराज जा रहे हैं. इसके साथ ही अतीक और उसके भाई की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
मीडियाकर्मी बन पहुंचे हत्यारों ने अतीक-अशरफ को किया था ढेर
गौरतलब है कि शनिवार को दोनों माफिया भाई अतीक-अशरफ को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था. वहीं पर अतीक और अशरफ मीडिया से बात कर रहे थे कि अचानक मीडियाकर्मी बन कर पहुंचे तीन लोगों ने उनकी ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी. अपराध की दुनिया में खौफ का पर्याय बन चुके अतीक ने 1989 में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू. उसने एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इलाहाबाद पश्चिम सीट जीती थी. शनिवार को ही अतीक के बेटे असद को भी भारी पुलिस सुरक्षा के बीच उसके नाना की मौजूदगी में प्रयागराज में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. गौरतलब है कि यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार को झांसी में असद अहमद को उसके शूटर गुलाम के साथ मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि वकील उमेश पाल की हत्या में फरार चल रहा गुड्डू बमबाज पुलिस मुठभेड़ से बचने के लिए आत्मसमर्पण कर सकता है.
अतीक के खिलाफ यूपी में 101 मामले
अतीक अहमद का जन्म उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में 1962 में हुआ था. उसकी शादी शाइस्ता प्रवीण से हुई थी, जो फिलहाल फरार है. अतीक और शाइस्ता के पांच बेटे क्रमशः अली, उमर, अहमद, असद, अहज़ान और अबान हैं. झांसी में शुक्रवार को यूपी पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में असद मारा गया. अतीक का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ भी पूर्व विधायक था. पिछले चार दशकों में उत्तर प्रदेश में अतीक के खिलाफ 101 आपराधिक मामले दर्ज किए गए. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अतीक के खिलाफ पहला मर्डर केस 1979 में दर्ज किया गया था. अतीक पहला अपराधी था, जिस पर उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया. वह हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, धमकी और जमीन पर कब्जा करने सहित कई अपराधों में शामिल था.