मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आज सीएम उद्धव ने की राज्यपाल से मुलाकात

- राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मराठा आरक्षण उप-समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल शामिल थे. राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों को संबोधित किया.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार इन दिनों मराठा आरक्षण के सवाल को लेकर बहुत उलझन में है. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है तो दूसरी तरफ सरकार पर दबाव है कि वह मराठा आरक्षण को लेकर कोई बड़ा कदम उठाए अन्यथा महाराष्ट्र का मराठा वोट बैंक खिसक सकता है. इसी को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से इस विषय पर हस्तक्षेप करने की मांग की.
राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मराठा आरक्षण उप-समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल शामिल थे. राज्यपाल से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल ने पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह आरक्षण राष्ट्रपति के माध्यम से दिया गया है. और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर जल्द ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सप्ताह मराठा आरक्षण के बारे में उच्चतम न्यायालय का निर्णय को लेकर हम सभी को एक विचार है. आज की बैठक उस परिणाम के अनुरूप थी. हमने फैसले के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में यही कहा है कि आरक्षण देने का अधिकार केंद्र को है, न कि राज्य को. जैसा कि हमने महसूस किया है इसका अधिकार राष्ट्रपति को और केंद्र सरकार को है. आज हमने राज्यपाल से मुलाकात करके एक ज्ञापन सौंपकर हमारा संदेश केंद्र तक पहुंचाने की अपील की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे हमारी भावनाओं को केंद्र तक पहुंचाएंगे. साथ ही हमने यह भी तय किया है कि हम सभी जल्द से जल्द प्रधानमंत्री से मिलेंगे और महाराष्ट्र विधानमंडल में भी रखेंगे. मराठा आरक्षण का फैसला सिर्फ हमारा फैसला नहीं बल्कि लोगों का फैसला है. हमें लगता है कि इस समुदाय को वह मिलना चाहिए जो उसका सम्मान करता है. सभी दलों द्वारा इसका समर्थन किया जाना चाहिए.
इससे पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की उप-समिति ने शनिवार को अपनी बैठक में पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उनके हस्तक्षेप की मांग की है. वहीं यह भी तय किया कि मराठा आरक्षण पर SC निर्णय का विश्लेषण करने और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी. इसी बीच महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने जानकारी दी कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर विचार किया जा रहा है.
बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर बुधवार (5 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. सर्वोच्च अदालत ने शिक्षा और नौकरी के क्षेत्र में मराठा आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया. अदालत के फैसले के अनुसार, अब किसी भी नए व्यक्ति को मराठा आरक्षण के आधार पर कोई नौकरी या कॉलेज में सीट नहीं दी जा सकेगी.