बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने करीबी मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी को बड़ा पद सौंपा है। हाल ही में चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र पर इशारों में एक विवादित बयान दिया था, लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार ने उन्हें जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर दिया है। इस फैसले को नीतीश की ओर से चौधरी पर विशेष कृपा माना जा रहा है।
तत्काल प्रभाव से हुई नियुक्ति
जेडीयू की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को तत्काल प्रभाव से जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है। यह फैसला तब आया है जब कुछ समय पहले चौधरी के एक बयान को लेकर विवाद हुआ था।
क्या था अशोक चौधरी का विवादित बयान?
अशोक चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक कविता पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने इशारों-इशारों में बढ़ती उम्र का जिक्र किया था। उन्होंने लिखा था, “बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए… एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना ‘छोड़ दीजिए’।” इस पोस्ट को सीएम नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र पर निशाना माना गया था, जिससे पार्टी में हलचल मच गई थी। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई थी और कहा था कि सीएम को किसी के सुझाव की जरूरत नहीं है।
विवाद के बाद की मुलाकात
इस विवाद के बाद अशोक चौधरी ने सीएम नीतीश से मुलाकात की थी। करीब डेढ़ घंटे की इस मुलाकात के बाद, चौधरी ने नीतीश कुमार के साथ अपनी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की और लिखा, “कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना…”
नीतीश की कृपा या सियासी दांव?
नीतीश कुमार का यह फैसला उनके विरोधियों को चौंकाने वाला है। अशोक चौधरी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाना, उनके प्रति नीतीश की विशेष कृपा को दर्शाता है। वहीं, राजनीतिक विशेषज्ञ इसे नीतीश का एक सियासी दांव मान रहे हैं, ताकि पार्टी के अंदर किसी भी तरह की बगावत या विवाद को शांत किया जा सके।