सचिन पायलट पर ऐक्शन लेकर बोले CM अशोक गहलोत- ‘दुखी हूं, लेकिन 6 माह से चल रहे षडयंत्र के बाद यह फैसला लिया’

जयपुर
राजस्थान में चले पॉलिटिकल ड्रामे (rajasthan news )में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र के पास जाकर उन्हें इसकी जानकारी दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछले छह महीने से षडयंत्र चल रहा था। हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए। हम सबको जानकारी थी कि हॉर्स ट्रेडिंग चल रही है। ये चलता रहा, चलता रहा और ये स्थिति आज इसलिए पहुंची है क्योंकि हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए। लेकिन बीजेपी का मंसूबा पूरा नहीं हुआ। बीजेपी ने धन-बल के आधार पर जो खेल खेला है पहले कर्नाटक, मध्य प्रदेश वही राजस्थान में करना चाहते थे। ये बीजेपी का खुला खेल था। जो लोग उधर गए हैं, वे भी समझ रहे हैं कि उनपर जनता का प्रेशर है।
उन्होंने कहा कि मैं दुखी होकर कह रहा हूं कि हॉर्स ट्रेडिंग हो रही थी। देश में पहली बार ऐसी सरकार है जो धनबल के आधार पर सरकारों को तोड़ रही है। आजत कभी ऐसा नहीं हुआ। 70 सालों में पहली बार लोकतंत्र खतरे में है। सरकारें बदली हैं, लेकिन कभी भी ऐसा नहीं हुआ। सरकारें बदलने से लोकतंत्र मजबूत हुआ है, लेकिन पहली बार उसे कमजोर किया जा रहा है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी को देश ने चुनाव हारते हुए देखा है। हमने जनता के फैसले को स्वीकार करते आए हैं। इस तरह की हॉर्स ट्रेडिंग से देश किधर जाएगा।
डिप्युटी सीएम और पीसीसी चीफ से हटाए गए पायलट
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कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को डिप्युटी सीएम पद से हटाने के साथ ही राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। मंगलवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनके खिलाफ एक और प्रस्ताव पारित किया गया। सोमवार को भी कांग्रेस की ओर से पार्टी विरोध गतिविधियों को लेकर प्रस्ताव पारित कर पायलट और उनके समर्थक विधायकों को चेतावनी दी गई थी। लेकिन सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई, पायलट विधायक दल की दूसरी यानी मंगलवार सुबह बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए। ऐसे में पार्टी ने सचिन पायलट और समर्थक विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
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कांग्रेस की ओर से दो बार वक्त दिए जाने के बाद भी पायलट खेमे से कोई भी नेता बैठक में शामिल होने के लिए नहीं आया। जिसके बाद पार्टी ने फैसला लिया कि अब वो आगे सचिन पायलट की वापसी का इंतजार नहीं करेगी। हालांकि, इस दौरान सचिन पायलट को मनाने की कवायद भी हुई। दिल्ली के बड़े नेताओं और कथित तौर पर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी की ओर से फोन पर बातचीत के बाद भी सचिन पायलट के बगावती तेवर शांत नहीं हुए। जिसके बाद मंगलवार को सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों और मंत्रियों पर कार्रवाई की गई।
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पार्टी की ओर से कार्रवाई के बाद सचिन पायलट के अगले कदम पर सभी की निगाहें हैं। इससे पहले सचिन पायलट खेमे की ओर से कहा गया कि उनके पास करीब 30 विधायकों का समर्थन है। खबरें ये भी आई कि सचिन पायलट अब कांग्रेस में नहीं लौटना चाहते हैं। ऐसे में अगर वो अलग पार्टी बनाते हैं, तो दल-बदल कानून के तहत सभी की सदस्यता चली जाएगी। इसमें दोबारा चुनाव होंगे। ऐसे में क्या सभी विधायक चुनाव के लिए तैयार होंगे यह बड़ा सवाल है। दूसरी स्थिति ये होगी कि अगर कांग्रेस पार्टी सभी को बर्खास्त करती है, तो फिर उस स्थिति में विधायकी बचने का आधार बनता है। वे कोर्ट जा सकते हैं।
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अगर पायलट थर्ड फ्रंट बनाने पर विचार करते हैं तो इसके लिए उन्हें कांग्रेस पार्टी के एक तिहाई विधायकों को अपने साथ मिलाना होगा। मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर कम से कम 35 से 40 विधायकों का समर्थन पायलट को जुटाना होगा, जो काफी चुनौती भरा माना जा रहा है। वहीं अगर ये विधायक बीजेपी में जाते हैं तो भी उनकी विधायकी जाएगी। ऐसे में मध्य प्रदेश वाला सीन रहेगा। सभी विधायकों को दोबारा चुनाव लड़ना होगा।
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क्या बीजेपी में भी जाने पर विचार कर सकते हैं सचिन पायलट इसको लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। न तो पायलट खेमे की ओर से इसको लेकर कुछ कहा गया है और ना ही बीजेपी की ओर से। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी अभी इस मामले में हस्तक्षेप के मूड में नहीं है। पार्टी पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है।
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वहीं सोमवार को सीएम अशोक गहलोत ने शक्ति प्रदर्शन किया और अपने समर्थन में 100 से ज्यादा विधायकों की परेड मीडिया के सामने कराई। इसी के साथ उन्होंने ये जताने की कोशिश की फिलहाल राजस्थान का सियासी संकट टल गया है। यही नहीं विधायकों को होटल में भी शिफ्ट कर दिया गया है।
सचिन पायलट पर गहलोत ने कहा कि हमने उन्हें कल भी मौका दिया था। उनकी वजह से हमने आज फिर मीटिंग रखी थी, लगा था उनको सद्बुद्धि आ जाएगी, लेकिन वे नहीं आए। उनकी तरफ से आठ-10 लोग और आना चाहते हैं। जो लोग गए हैं वे बीजेपी के हाथों में खेल रहे हैं। बीजेपी ने रिसॉर्ट की व्यवस्था की है। मैनेजमेंट बीजेपी का है।
जिन लोगों ने मध्य प्रदेश में खेल किया था वही टीम यहां भी लगी है। उन्हें सरकारें गिराने का पूरा अनुभव है। कोविड काल में हम इन लोगों पर ध्यान दें या जनता का ख्याल करें। हम अभी भी जनता का ख्याल कर रहे हैं। ऐसे वक्त में सरकार गिराने की किसी की हिम्मत होना कितनी गलत बात है। गहलोत ने कहा कि कैबिनेट में सारे मंत्री सीएम के सहयोगी होते हैं, ना कि सीनियर जूनियर। मैंने हर सहयोगी के काम किए हैं, ये सभी जानते हैं। सहयोगियों ने जो भी मांगा मैंने वो सारे काम किए।
राजस्थान में सचिन पायलट डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गएकांग्रेस ने सचिन पायलट को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपमुख्यमंत्री और अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इससे पहले, पार्टी ने उन्हें कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भाग लेने के लिए कहा था। कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और अहमद पटेल, पी। चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल ने कई बार सचिन पायलट से बात की थी, लेकिन उनके सीएलपी में शामिल होने की संभावना कम थी। “
जब हमें लगा कि बीजेपी से इनका सौदा हो चुका है। ये बीजेपी में जाने की, अलग पार्टी बनाने जैसी बातें करने लगे। अगर इनके पास तो तिहाई बहुमत होगा तभी पार्टी तोड पाएंगे। हमें खुशी नहीं हो रही है, उनपर कार्रवाई करके। पार्टी में किसी को भी खुशी नहीं हो रही है। ये लोग फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं, उन्हें इतना तो पता है कि ये मांग सत्ताधारी दल का विधायक नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश है कि अगर कोई पार्टी के खिलाफ जाएगा तो उसकी सदस्यता खत्म हो जाएगी।
पायलट ने क्या कहा?
सचिन पायलट ने ट्वीट कर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं।’ यही नहीं सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट का बायो भी चेंज कर लिया है। इसके अलावा इस पूरे मसले पर सचिन पायलट खेमे से बयान सामने आया है। दीपेंद्र सिंह, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा ने बयान जारी किया है। तीनों ने सचिन पायलट को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। सचिन पायलट और हमें एसओजी के जरिए नोटिस भिजवाकर प्रताड़ित किया जा रहा है।
सचिन पायलट के समर्थक विधायक भंवरलाल शर्मा ने बताया कि मैं पहली बार का विधायक नहीं हूं, 7 बार का विधायक हूं। इस प्रस्ताव में कोई दम नहीं है। विप का कोई उल्लंघन नहीं है। हम तो विकास के मुद्दे पर नाराज हैं। उन्होंने कहा कि 22 हमारे साथ हैं और 30 से ज्यादा विधायक हमारे खेमे में हैं। हम बीजेपी में नहीं जाएंगे। सोनिया गांधी, राहुल को पहले हमारी याद नहीं आई, आज याद आई है।