चीन की 5जी सेवा भारत के लिए राजनीतिक नहीं, दूरसंचार का मामला: जयशंकर

चीन की 5जी सेवा भारत के लिए राजनीतिक नहीं, दूरसंचार का मामला: जयशंकर

रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद पर दो टूक जवाब देने के बाद अब भारत ने चीनी कंपनी हुवावे की 5जी सेवाओं को लेकर भी अमेरिका को स्पष्ट व कड़ा संदेश दिया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अन्य देशों के साथ चीन के संबंधों को नहीं देखता है बल्कि भारत-चीन संबंधों को महत्व देता है। चीन की 5जी सेवा को राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताने वाले ट्रंप प्रशासन से असहमति जताते हुए कहा कि भारत के लिए यह राजनीतिक नहीं, बल्कि दूरसंचार का मामला है। उनका यह बयान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से ठीक पहले आया है।

अमेरिका ने चीन की 5जी सेवा को सुरक्षा का मामला बताते हुए हुवावे पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही अमेरिका अपने मित्र देशों से भी यही चाहता है। जयशंकर का कहना है कि भारत चीन के साथ बेहतर और मजबूत रिश्ता चाहता है।

चीन के साथ अन्य देशों के मामलों पर गुण-दोष के आधार पर भारत विचार करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश आपसी संबंध बेहतर बनाना चाहते हैं। हुवावे की 5जी सेवा से जुड़े एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘यह भारत के लिए विशुद्ध रूप से दूरसंचार का मामला है।

हमारा इरादा चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने का है। हम इसे लेकर पूरी तरह स्पष्ट हैं और हमें लगता है कि वे भी संबंधों को बेहतर और मजबूत करना चाहते हैं। अन्य देशों के चीन के साथ जो मामले हैं, उनमें से कई मामलों पर हम गुण-दोष के आधार पर विचार करेंगे और आमतौर पर द्विपक्षीय रुख ही अपनाएंगे।’

जयशंकर ने कहा कि ये संबंध जटिल हैं। भारत ने चीन के साथ संबंधों को लंबा वक्त और प्राथमिकता दी है। हमारा मानना है कि इन संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने में केवल हम दो देशों का ही नहीं, बल्कि वास्तव में बड़े क्षेत्र का हित जुड़ा है, दुनिया का भी इसी में निहित हित है।


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