चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ‘जुड़वां’ का सोशल मीडिया अकाउंट सेंसर

- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ‘हमशक्ल’
- बर्लिन के सिंगर का अकाउंट किया सेंसर
- शी जिनपिंग से मिलती है सिंगर की शक्ल
- तीसरी बार की गई अकाउंट पर कार्रवाई
पेइचिंग/बर्लिन
चीन के एक मशहूर ओपरा सिंगर को ऑनलाइन सेंसर कर दिया गया है क्योंकि वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तरह दिखते थे। चीन पर आरोप लगता रहा है कि वह जिनपिंग की छवि को कायम रखने के लिए हद से ज्यादा सख्ती अपनाता है। इससे पहले देश में काल्पनिक कैरेक्टर विनी द पूह (Winnie the Pooh) को भी बैन कर दिया गया था क्योंकि इंटरनेट पर जिनपिंग की तुलना उससे की जाने लगी थी।
जिनपिंग से सिर्फ कनेक्शन…
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि 63 साल के लिउ केकिंग के टिक-टॉक (Tik Tok) जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म Douyin पर अकाउंट को कई बार ब्लॉक किया जा चुका है क्योंकि वह ‘जिनपिंग के लुक्स का उल्लंघन करते हैं।’ केकिंग बर्लिन में रहते हैं और उनके Douyin अकाउंट पर 41,000 फॉलोअर्स हैं। वह इस पर सिंगिंग ट्यूटोरियल्स शेयर करते हैं और उनके कॉन्टेंट से जिनपिंग का कनेक्शन सिर्फ इतना है कि वह खुद जिनपिंग की तरह दिखते हैं।
इसलिए बैन कर दिया गया अकाउंट
रेडियो फ्री इंटरनैशनल के मुताबिक 10 मई को केकिंग ने एक वीडियो अपलोड किया जिसमें उन्होंने बताया कि ‘छवि के उल्लंघन’ की वजह से उनका अकाउंट सेंसर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके अकाउंट को इसलिए रिपोर्ट और बैन कर दिया गया क्योंकि उनकी प्रोफाइल पिक्चर से उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने अपनी पहचान से जुड़े दस्तावेज दे दिए हैं और अप्रूवल का इंतजार कर रहा हूं।’
उन्होंने बताया कि यह तीसरी बार है कि उनका अकाउंट बैन किया गया है। यह क्लिप डिलीट कर दी गई है। केकिंग ने बताया कि उन्होंने दूसरा अकाउंट खोला लेकिन उसे भी डिलीट कर दिया गया। वह फिलहाल सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हैं लेकिन कई कॉमेंट्स अभी भी ब्लॉक हैं।
चीन के पहले क्रूर शासक की याद दिलाते हैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग221 ईसा पूर्व का चिन साम्राज्य और इसका शासक चिन शी ह्वांग। 6 राज्यों को भयानक युद्ध में पराजित कर एकीकृत चीन का साम्राज्य खड़ा किया। चीन को एक भाषा, एक मुद्रा और एक व्यवस्था के जरिए सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से जोड़ने के बाद अपने शहरों को दुश्मनों से बचाने के लिए ग्रेट वॉल ऑफ चाइना का निर्माण शुरू किया। दुनिया में अपनी तरह का यह पहला प्रॉजेक्ट था और आज तक यह एक अजूबे की तरह कायम है। सदियों बाद चीन में दुनिया चिन की परछाईं को देख रही है। शी जिनपिंग ने जब 2017 में खुद को हमेशा के लिए राष्ट्रपति घोषित किया तो दुनिया को पता था कि अब किस तरह का नेतृत्व देखने को मिलेगा। अब जिस तरह चीन भारत में कभी लद्दाख, कभी सिक्कम पर नजरें गड़ाता है, कभी साउथ चाइना सी में अमेरिका से तो कभी सेंकाकू टापू के लिए जापान से उलझता है, उससे सवाल उठता है कि जिनपिंग कहीं देश को चिन ह्वांग की राह पर तो नहीं ले जा रहे। शी जिनपिंग को लेकर भी कहा जाता है कि वह राजनीतिक एक्सपेरिमेंट या लिबरल मूल्यों, सिविल सोसायटी या मानवाधिकारों की चीन में जगह नहीं देखते हैं। नागरिकों पर सर्विलांस करने और मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के आरोप भी चीन पर लगते रहे हैं।