भारत की सीमा तक बुलेट ट्रेन चलाने जा रहा है चीन, जुलाई के अंत तक तिब्बत को अरुणाचल से जोड़ेगा

भारत की सीमा तक बुलेट ट्रेन चलाने जा रहा है चीन, जुलाई के अंत तक तिब्बत को अरुणाचल से जोड़ेगा

बीजिंग । चीन की 435 किमी. लंबी बुलेट ट्रेन जुलाई माह तक अरुणाचल प्रदेश की सीमा तक चलने लगेगी। चीन ने तिब्बत के ल्हासा तक बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। यह ट्रेन चीन के लगभग सभी प्रांतों से होकर गुजरेगी। ड्रैगन लंबे समय से भारतीय सीमा के निकट लगभग हर तरफ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में लगा हुआ है। उसकी हर गतिविधि पर भारत की भी पैनी नजर बनी हुई है। चीन ने इस परियोजना की शुरूआत 2014 में की थी। उसकी प्रारंभ से ही योजना पूर्वी तिब्बत के ल्हासा के साथ न्यिंगची को भी जोड़ने की थी। रेलवे ट्रेक का काम 2020 के अंत तक पूरा हो गया है।

हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की खासियत ये है कि उसको बिजली के साथ ही जलने वाले ईंधन से भी चलाया जा सकता है। ट्रेन लगभग 160 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। चीन अपने यहां सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ ही पूरे देश में रेलवे का नेटवर्क बड़ी तेजी के साथ बढ़ा रहा है। उसकी योजना 2025 तक पचास हजार किमी. नई रेल लाइन बिछाने की है। उसने 2020 तक 37 हजार किमी. लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया है। सभी काम पूरा होने के बाद चीन में हाई स्पीड ट्रेन लगभग 98 फीसदी शहरों तक पहुंच जाएगी। चीन ने अपने यहां जो हाई स्पीड ट्रेन विकसित की है, उसे 160 से लेकर 350 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जा सकता है।

तिब्बत को दक्षिण एशिया से जोड़ने की योजना 

चिंगहई-तिब्बत के बाद चीन सिचुआन-तिब्बत रेल नेटवर्क पर काम करेगा। ये दक्षिण पूर्व में चिंगहई-तिब्बत पठार तक अपनी पहुंच बनाएगा, जो भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र है। शिन्हुआ न्यूज के अनुसार चीन की 14 वीं पंचवर्षीय योजना में तिब्बत से दक्षिण एशिया तक रास्ता बनाने की योजना है। जिसे इस साल शुरू किया जा रहा है।

ओली ने जताई है नेपाल तक रेल नेटवर्क की योजना 

शिन्हुआ की रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि चीन क्या बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) के माध्यम से तिब्बत से नेपाल को जोड़ने की योजना बना रहा है। ज्ञात हो मौजूदा प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में नेपाल की वर्तमान सरकार ट्रांस हिमालयन कनेक्टिविटी नेटवर्क को मजबूत करना चाहती है। चीन की यात्रा के समय भी ओली ने तिब्बत से नेपाल तक रेलवे नेटवर्क बनाने की योजना का प्रस्ताव रखा था। चीन की सरकार ने भी इसके लिए सहमति दे दी है।

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