महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में किया रुद्राभिषेक

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आज गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर की भूमिका में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया. उन्होंने देश, राज्य और जनता के कल्याण के लिए महादेव की पूजा-अर्चना की. महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की आराधना का सबसे शुभ अवसर माना जाता है. इस दिन शिव भक्त रुद्राभिषेक करके महादेव को प्रसन्न करते हैं और लोककल्याण की कामना करते हैं.
रुद्राभिषेक का महत्व और विधि
रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, रुद्र का अर्थ है दुखों का नाश करने वाला और अभिषेक का अर्थ है स्नान कराना. जब रुद्र रूपी शिव का जल, दूध, शहद, घी आदि से अभिषेक किया जाता है, तो ये सभी कष्टों को दूर करने वाला और सुख-समृद्धि देने वाला माना जाता है. इससे घर, समाज और जीवन में शांति और समृद्धि आती है. पितृ दोष, ग्रह दोष और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. यह अभिषेक आरोग्य और आर्थिक समृद्धि भी प्रदान करता है.
रुद्राभिषेक की विधि: रुद्राभिषेक में भगवान शिव के शिवलिंग का अभिषेक विशेष पूजन सामग्रियों से किया जाता है. सबसे पहले स्नान पूजा स्थल को साफ करें और फिर शिवलिंग के पास दीपक जलाएं और भगवान गणेश की वंदना करें. अभिषेक सामग्री में जल (गंगाजल), दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र, गन्ने का रस, चंदन, भस्म, केसर, गुलाब जल, पंचामृत और अक्षत के अलावा धूप, दीप, कपूर, फल, फूल और मिठाई के प्रसाद की आवश्यकता होती है.
अभिषेक विधि: सबसे पहले गंगाजल से शिवलिंग का स्नान कराएं और इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से अभिषेक करें. पुनः गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं और बेलपत्र, चंदन और भस्म अर्पित करें. पूजा के दौरान “ॐ नमः शिवाय” या रुद्राष्टक मंत्र का जाप करें. रुद्राभिषेक के दौरान रुद्रसूक्त, महामृत्युंजय मंत्र या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें. अंत में दीपक और धूप दिखाकर भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद बांटें.