राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित बच्चों से मिले मुख्यमंत्री, बोले- टर्निंग प्वाइंट पर लें सकारात्मक निर्णय
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित प्रदेश के पांच बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने इस अवसर पर इनको सम्मानित करने के साथ ही सफलता का मंत्र भी दिया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2021 में उत्तर प्रदेश के जिन पांच बच्चों का चयन हुआ है उनमें लखनऊ के व्योम आहूजा, बाराबंकी के कुंवर दिव्यांश सिंह, गौतमबुद्धनगर के चिराग भंसाली, अलीगढ़ के मोहम्मद शादाब और प्रयागराज के मोहम्मद शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन बाल पुरस्कार विजेताओं से 25 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की थी।
उत्तर प्रदेश के पांच बच्चों को पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया था। इन बच्चों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर भेंट की। इसके साथ उन्होंने पांचों बच्चों से काफी देर तक वार्ता करने के बाद उनको सफलता का मंत्र भी दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी को भी सफलता-असफलता की चिंता करे बिना ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए और यह बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस दिशा में प्रयास करता है, उसे सफलता प्राप्त होती है और वह समाज के लिए अनुकरणीय भी बन पाता है। हर व्यक्ति को जीवन में एक अवसर मिलता है, जो उसके जीवन का टर्निंग प्वाइंट होता है। अगर इस क्षण सकारात्मक निर्णय लिया जाए तो महानता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति एक बात कहती है कि अयोग्य: पुरुषो नास्ति योजक: तत्र दुर्लभ:। अर्थात कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं है, अगर अच्छा योजक मिल जाए तो हर व्यक्ति अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकता है। हम सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी व केंद्र सरकार के आभारी हैं, जिन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कारों में पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को अपनाया है। इसके परिणामस्वरूप भारत सरकार के पुरस्कार समाज में विशेष योगदान देने वालों को मिल रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय बाल पुरस्कारों को प्राप्त करने वाले प्रदेश के प्रतिभाशाली युवा आज हमारे सामने हैं। आप सबको सम्मानित करने में मुझे अत्यन्त प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है। आप ने अपनी फील्ड में विशिष्ट करके दिखाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित उत्तर प्रदेश के पांच होनहार बच्चों को प्रदेश की इंद्रधनुषी प्रतिभा, क्षमता और विशिष्टता की पहचान कहा । वीरता, विद्वता, इनोवेशन, खेल, कला और संगीत के विलक्षण प्रतिभासंपन्न इन बच्चों ने स्वयं को पहचाना और फिर अपनी विशिष्टता को उत्कृष्ट बनाने के लिए भरपूर प्रयास किया। नतीजा, आज राष्ट्र इन पर गौरवान्वित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चों को मिला यह राष्ट्रीय सम्मान प्रदेश के अन्य बच्चों के लिए प्रेरणादायी होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी प्रकार के राष्ट्रीय पुरस्कारों के चयन में पारदर्शिता आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पद्म सम्मान हों या बाल पुरस्कार, योग्यता के अनुरूप ही चयन किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को ₹51,000 की प्रोत्साहन राशि, टैबलेट और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। पुरस्कार लेते हुए बच्चों का उत्साह और अभिभावकों के चेहरे पर गौरव के भाव साफ पढ़े जा सकते थे।
सबको मिलता है अवसर, बस टर्निंग पॉइंट पहचानें: कार्यक्रम में मौजूद बच्चों के अभिभावकों को विशेष रूप से बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी में कुछ न कुछ अलग है-खास है। इस खासियत को समाज के सामने लाने की जरूरत है। इसमें अभिभावकों का प्रोत्साहन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को जीवन मे एक अवसर मिलता है। इसे ही ‘टर्निंग पॉइन्ट’ कहते हैं। समय पर यदि इसकी पहचान कर ली गई, तो महानता प्राप्त होना तय है। उन्होंने बच्चों से जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की शिक्षा देते हुए कहा कि नकारात्मकता से सामान्य लक्ष्य भी प्राप्त नहीं किए जा सकते। ‘श्रीमद्भागवतगीता के निष्काम कर्म’ के संदेश का उद्धरण देते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों से जीवन के सभी प्रयासों में ईमानदारी का भाव रखने की सीख भी दी।
सीएम ने सराहा तो होनहारों ने बताई अपनी कहानी: मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान पाने से निहाल होनहार बच्चों को उत्साह देखते ही बन रहा था। सीएम योगी ने एक-एक कर सभी से बात की, उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली। बच्चों ने मुख्यमंत्री से अपने अब तक के प्रयासों और भावी योजनाओं के बारे में बताया।
व्योम के शतरंज से चकित हुए योगी: 09 वर्ष की आयु में 09 से अधिक वाद्ययंत्रों को बजाने में सिद्धहस्त लखनऊ के व्योम आहूजा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 28 राष्ट्रीय रिकार्ड दर्ज करा चुके व्योम ने मुख्यमंत्री से बताया कि उनकी इच्छा वेद-उपनिषदों में निहित विज्ञान के गहन अध्ययन की है। मकाऊ टॉवर से दुनिया के सबसे ऊंचे बंजी जम्पिंग स्थल से बंजी जंपिंग करने वाले व्योम ने मुख्यमंत्री के सामने खुद का डिजाइन किया हुआ महाभारत पर आधारित शतरंज के एक नए खेल का प्रदर्शन भी किया। व्योम इन नए शतरंज खेल के पेटेंट हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। यही नहीं व्योम ने मुख्यमंत्री के सामने ‘तेरी मिट्टी में मिल जांवां’ गीत पर बांसुरी वादन भी किया। उन्हें कला-संस्कृति के क्षेत्र में इस वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया जा रहा है।
वैश्विक पटल पर भारत की नई पहचान बनाना है शादाब की मंजिल: ज्ञानार्जन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित अलीगढ़ के मास्टर मोहम्मद शादाब ने सीएम योगी से बताया कि वह वैश्विक पटल पर भारत की नई पहचान गढ़ने के इच्छुक हैं। शादाब ने बताया कि उन्हें अपने तेज दिमाग के लिए यूएस के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट से 28000 अमरीकी डॉलर की छात्रवृत्ति जीती है और अमेरिकी हाईस्कूल में टॉप भी किया। उन्होंने यूएस के कैपिटल हिल में सीनेटरों के साथ खास मीटिंग के अनुभव भी साझा किए। फिलहाल वह यूएस में इंडियन यूथ एम्बेसेडर हैं।
ओलम्पिक पदक है मो.राफे की चाहत: प्रयागराज के खेल गांव पब्लिक स्कूल में 12वीं के छात्र और शानदार जिम्नास्ट, मोहम्मद राफे को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में तीन बार गोल्ड मेडल मिल चुका है। यही नहीं कड़ी मेहनत के दम पर राफे ने वर्ष 2019 में मंगोलिया में आयोजित जूनियर एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने का भी अवसर प्राप्त हुआ। इसमें उन्होंने देश को ब्रांज मेडल दिलाया। खास बात यह है कि 10 वर्षों से भारत को इस विधा में कोई मेडल प्राप्त नहीं हुआ था। वर्तमान में भारतीय सेना की निगरानी में पुणे स्थित कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे राफे ने मुख्यमंत्री को बताया वह ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं और उनकी चाहत है कि ओलम्पिक में गोल्ड मेडल लाकर देश का नाम रोशन करें।
दिव्यांशु से मिले मुख्यमंत्री तो पूछा ‘हाथ का दर्द कैसा है: प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार में वीरता की श्रेणी में पुरस्कृत, बाराबंकी के रहने वाले कुंवर दिव्यांशु सिंह, साहस और बहादुरी का दूसरा नाम है। रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार-2018 राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2018 जीवन रक्षा पदक-2019 जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान-पुरस्कार दिव्यांश को मिल चुके हैं। शनिवार के कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री ने दिव्यांश को देखा तो तुरंत ही उनके हाथ के दर्द के बारे में जानकारी ली। तीन वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें, उनकी वीरता के लिए ‘रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार’ से सम्मानित किया था और तबसे दिव्यांश का उनके लिए जेहन में था। मुख्यमंत्री ने दिव्यांश की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए उनकी शैक्षिक उपलब्धियों की भी सराहना की। बता दें कि, दिव्यांश ने राज्यस्तरीय साइंटिफिक इनोवेटिव अवार्ड 2019, साउथ एशिया के प्रतिष्ठित यंग चाइल्ड अवॉर्ड फॉर साइंटिफिक इनोवेशन-2018 के साथ-साथ कई अन्य पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
आत्मनिर्भर भारत का सपना, चिराग ने बनाया अपना : नेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड में लागातार तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता नोएडा के चिराग भंसाली ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों को अपना बनाकर काम कर रहे हैं। चिराग ने मुख्यमंत्री को बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने एक स्वदेशी वेबसाइट भी डेवलप की, जो विदेशी एप्स के देशी विकल्पों के निर्माण और प्रचार-प्रसार पर केंद्रित है। डिजाइन चैंपियनशिप-2020 (एप डिजाइन) में नेशनल विनर, गूगल कोड इंटरनेशनल इवेंट-,2019 में रनर अप, एडोब क्रिएटिविटी चैलेंज-2019 में उपविजेता चिराग वर्तमान में गांधीजी के मूल्यों की प्रासंगिकता के संदर्भ में वेबसाइट और मोबाइल एप डिजाइन कर रहे हैं। चिराग भंसाली वास्तव में इनोवेटिव आइडियाज की खान हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 में उन्हें नवाचार श्रेणी के अंतर्गत पुरस्कृत किया जा रहा है।