मेरठ के बिगड़े हालात पर मुख्यमंत्री नाराज, अधिकारियों की मुस्तैदी की खुली पोल

मेरठ के लगातार बिगड़ते जा रहे हालात पर मुख्यमंत्री ने खासी नाराजगी जतायी है। वहीं, कोरोना काल में भी अधिकारी कितना सतर्क और अनुशासन में रहकर कार्य कर रहे है, उसकी पोल भी खुल गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले एक महीने में मेरठ की कई बार समीक्षा खुद की है। रविवार को भी उन्होंने प्रदेश के तीन जिलों मेरठ, आगरा और कानपुर की समीक्षा टीम-11 के साथ की। उन्होंने इन जिलों में टीम गठित करते हुए सख्त निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को सुबह और शाम मेरठ की रिपोर्ट पर चर्चा करने के निर्देश दिए। वहीं, मेरठ के लिए उन्होंने प्रमुख सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश और आईजी पीटीएस मेरठ लक्ष्मी सिंह को तैनात किया है। इसके अलावा चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। वही, इन अधिकारियों को जल्द जिले में पहुंचने के निर्देश दिए गए है। जिससे मेरठ में स्थिति कंट्रोल की जा सके और लोगों में भय का माहौल कम हो सके। प्रमुख सचिव टी. वेंकटेश आज सुबह लखनऊ से राजकीय वायुयान से मेरठ पहुंचेंगे।
सड़क पर कोई निकला तो होगा चालान

मुख्यमंत्री ने समीक्षा में साफ निर्देश दिए हैं कि मेरठ में बेवजह घूमने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं, धारा 188 में कार्रवाई कर चालान अमल में लाए जाएं। उन्होंने नाराजगी जताई कि मेरठ में लॉकडाउन का पालन सही तरीके से नही हो पा रहा है। इसके लिए ही उन्होंने आईपीएस स्तर की सीनियर अधिकारी को तैनात कर दिया है जिससे लोगों के खिलाफ सख्ती से पेश आया जाए।

अधिकारी फेल, शासन सख्त 
पिछले एक महीने में यह चौथा मौका है, जब मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर मेरठ की समीक्षा की है। इसके बाद भी पुलिस-प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। पिछले दिनों प्रदेश के आठ जिलों को विशेष तौर पर निगरानी के लिए रखा गया था। लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने सख्ती नहीं की थी। जिससे यहां रोजाना कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।


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