पंजाब कांग्रेस में जंग जारी, नहीं मिलेंगे सिद्धू से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह

पंजाब कांग्रेस में जंग जारी, नहीं मिलेंगे सिद्धू से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह
  • पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को अपने रुख को सख्त करते हुए स्पष्ट किया कि वह पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक वह सार्वजनिक रूप से उनसे माफी नहीं मांग लेते.

चंडीगढ़ : पंजाब में लंबे समय से जारी सियासी गतिरोध के बीच कांग्रेस नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू को भले ही पंजाब की कमान सौंप दी हो लेकिन पंजाब  कांग्रेस में अभी भी सब कुछ सामान्य नहीं दिख रहा हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को अपने रुख को सख्त करते हुए स्पष्ट किया कि वह पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक वह सार्वजनिक रूप से उनसे माफी नहीं मांग लेते.  बता दें कि कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धू के साथ ही पंजाब कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्ति किए हैं.

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने एक ट्वीट में कहा, “शेरीऑनटॉप द्वारा कैप्टन अमरिंदर से मिलने के लिए समय मांगे जाने की खबरें पूरी तरह झूठी हैं.” उन्होंने कहा, “कोई समय नहीं मांगा गया है. रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक कि वह अपने खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अपमानजनक सोशल मीडिया हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते.”

इससे पहले दिन में, राज्य के कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने सिद्धू की नई राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ अपने मुद्दों को हल करने तक उनके साथ व्यक्तिगत बैठक करने से इनकार किया. मोहिंद्रा ने एक बयान में कहा कि सिद्धू को नियुक्त करने का फैसला आलाकमान ने लिया है और यह स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा, “हालांकि, मैं उनसे (सिद्धू) तब तक नहीं मिलूंगा, जब तक कि वह मुख्यमंत्री से नहीं मिल जाते और उनके साथ अपने मुद्दों का समाधान नहीं कर लेते.”

उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और वह उनका अनुसरण करने के लिए बाध्य हैं. बिजली संकट और बेअदबी के मुद्दे पर अपनी सरकार को निशाना बनाने के लिए सिद्धू से कथित रूप से नाराज अमरिंदर सिंह ने सिद्धू की नियुक्ति से एक दिन पहले 17 जुलाई को राज्य पार्टी प्रभारी हरीश रावत से स्पष्ट रूप से कहा था कि कोई मेल-मिलाप नहीं होगा. दोनों के बीच जब तक सिद्धू सार्वजनिक रूप से अपने अपमानजनक ट्वीट और साक्षात्कार के लिए माफी नहीं मांगते.