Chamoli Tragedy: आपदा के बाद उम्मीदों की डोर थामे कार्य में जुटी हैं सुरक्षा एजेंसियां, कुछ इस तरह चला इन पांच दिनों का घटनाक्रम
देहरादून: चमोली में आपदा आए 120 घंटे हो चुके हैं। सेना, वायुसेना, नौसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत दस एजेंसियां टनल में फंसी 34 जिदंगियों को बचाने की जिद्दोजहद में जुटी हैं। टनल के भीतर व बाहर पूरी मुस्तैदी के साथ काम चल रहा है। परिजनों को आस की डोर को सुरक्षा एजेंसियां लगातार सहारा दे रही हैं। पांच दिन से चल रहा यह रेस्क्यू आपरेशन भले ही अपने मकाम तक नहीं पहुंच पाया है लेकिन उम्मीदें बंधी हुई है, हौसला बरकरार है और प्रयास निरंतर जारी हैं।
कुछ इस तरह चला इन पांच दिनों का घटनाक्रम
- रविवार सात फरवरी: सीमांत चमोली जिले में रैणी गांव के समीप एवलांच आने से ऋषिगंगा व धौलीगंगा में आया उफान। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी का विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज तबाह। एसडीआरएफ, सेना व पुलिस ने चलाया राहत व बचाव कार्य, 170 व्यक्तियों के लापता होने की आशंका, दो टनल में 50 व्यक्तियों के होने की सूचना। 12 किए गए रेस्क्यू, पहले दिन मिले 13 शव।
- सोमवार आठ फरवरी: दूसरे दिन लापता व्यक्तियों की संख्या पहुंची 202, टनल में फंसे व्यक्तियों की सही संख्या आई सामने। कंपनी ने बताया 34 कार्मिक फंसे हुए हैं टनल के भीतर। टनल से मलबा निकालने का काम दिन रात रहा जारी। आसपास के क्षेत्र में सर्च अभियान में मिले शवों की संख्या पहुंची 26।
- मंगलवार नौ फरवरी: टनल से मलबा हटाने का काम रहा जारी। 60 मीटर तक टनल की गई साफ। आसपास सर्च आपरेशन के दौरान बरामद शवों की संख्या पहुंची 32। वायुसेना और नौसेना भी बचाव अभियान से जुड़ी। फंसे 126 ग्रामीणों को पहुंचाया गया गांव। राहत सामग्री भी पहुंचाई।
- बुधवार दस फरवरी: चौथे दिन बात सामने आई कि टनल के टी-प्वाइंट नहीं सिल्ट फ्लशिंग टनल में फंसे हैं 34 कार्मिक। बचाव व राहत कार्यों को बदली गई रणनीति। मुख्य सुरंग के भीतर ही देर रात को 12 मीटर ड्रिलिंग का काम शुरू। आसपास सर्च अभियान में तीसरे दिन तक कुल मिले शवों की संख्या 34 हुई। 10 की हुई पहचान। किया गया दाह संस्कार, अज्ञात शवों के लिए गए डीएनए सैंपल। नौसेना ने कोटेश्वर बांध झील में चलाया खोज अभियान।
- गुरुवार 11 फरवरी: टनल में ड्रिलिंग के दौरान कठोर चट्टान आने पर रोका गया कार्य। फिर बदली गई टनल में फंसे कार्मिकों को निकालने की रणनीति। मुख्य टनल में फिर से मलबा हटाने का काम हुआ शुरू। नदी में पानी बढऩे के कारण कुछ देर बाधित भी हुआ कार्य। पांचवें दिन तक मिले शवों की संख्या 36 हो गई।