चहल ने बताई कुलदीप के साथ नहीं खेल पाने की वजह, पंड्या को ठहराया जिम्मेदार
- भारतीय टीम के स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कहा है कि ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के गेंदबाजी नहीं करने के कारण वह और गेंदबाज कुलदीप यादव टीम में एक साथ नहीं खेल पा रहे हैं.
नई दिल्ली: भारतीय टीम के स्पिनर युजवेंद्र चहल ने कहा है कि ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के गेंदबाजी नहीं करने के कारण वह और गेंदबाज कुलदीप यादव टीम में एक साथ नहीं खेल पा रहे हैं. चहल ने स्पोटर्स तक से कहा, “जब मैं और कुलदीप साथ में खेलते थे तो हार्दिक भी टीम में होते थे और गेंदबाजी करते थे. 2018 में हार्दिक चोटिल हो गए और रवींद्र जडेजा ने ऑलराउंडर के तौर पर सीमित ओवर के क्रिकेट में वापसी की और वह सातवें नंबर पर बल्लेबाजी भी कर सकते थे. दुर्भाग्य से कुलदीप स्पिनर हैं. हम साथ में खेल सकते थे अगर वह मध्यम गति के गेंदबाज होते.”
पांड्या को पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान चोट लग गई थी. उन्होंने पिछले साल आईपीएल के बाद गेंदबाजी करनी शुरू की थी लेकिन सितंबर 2018 के बाद से वह अबतक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेले हैं. चहल ने कहा, कुलदीप और मैं किसी भी सीरीज के आधे-आधे मैच में खेलते थे. कई बार कुलदीप पांच मैचों की सीरीज में तीन मैच खेलते तो कई बार यह मौका मुझे मिलता था. हम तब तक साथ थे जब तक हार्दिक मौजूद थे. टीम की जरूरत है कि उसे सातवें नंबर पर एक ऑलराउंडर चाहिए. मैं भले ही ना खेलूं लेकिन अगर टीम जीत रही है तो मैं इसी बात से खुश हूं.
कुलदीप यादव और चहल को बीसीसीआई से मिला था झटका
इसी बीच कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल के लिए बुरी खबर सामने आई है. इस जोड़ी ने भारत को कई ऐसे मुकाबलों में जीत दिलाई है, जहां इंडियन टीम काफी संकटों का सामना कर रही थी. लेकिन इसके बाद भी बीसीसीआई (BCCI) की ओर से इन दोनों स्टार गेंदबाजों को तगड़ा झटका दिया गया है. BCCI की ताजा कांट्रैक्ट लिस्ट में चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव और कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल ग्रेड-सी में खिसक गए हैं.
खराब परफार्मेंस की वजह से हुए डिमोट
पिछले साल कुलदीप यादव को एक कैटेगरी में जगह मिली थी लेकिन इस बार वह सी ग्रेड में आ गए हैं. वहीं चहल को बीते साल बीसीसीआई ने बी ग्रेड का अनुबंध दिया था. इस साल उन्हें बीसीसीआई ने सी ग्रेड में रखा है. बीसीसीआई ने गुरुवार को जो अनुबंध सूची जारी की है उसके मुताबिक इन दोनों खिलाड़ियों को सी ग्रेड में रहने के कारण सालाना एक करोड़ रुपये मिलेंगे.