सेंट्रल विस्टा परियोजना वास्तव में एक आपराधिक खर्च, राहुल का हमला

सेंट्रल विस्टा परियोजना वास्तव में एक आपराधिक खर्च, राहुल का हमला
Rahul Gandhi
  • ‘सेंट्रल विस्टा आपराधिक अपव्यय है. लोगों के जीवन को केंद्र में रखिए, न कि नया घर पाने के लिए अपने अंधे घमंड को.’

नई दिल्ली: केंद्रीय विस्टा परियोजना को ‘आपराधिक अपव्यय’ करार देते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार से लोगों के जीवन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘सेंट्रल विस्टा आपराधिक अपव्यय है. लोगों के जीवन को केंद्र में रखिए, न कि नया घर पाने के लिए अपने अंधे घमंड को.’ गौरतलब है कि कांग्रेस और कई विपक्षी दलों ने नए संसद भवन की आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं और सुझाव दिया है कि सभी संसाधनों को कोविड महामारी से लड़ने के लिए रखा जाना चाहिए. भूलना नहीं चाहिए कि शुक्रवार को भारत में पिछले 24 घंटों में 3,915 मौतों के साथ कोविड के 4.14 लाख ताजा मामले दर्ज किए गए.

राहुल गांधी की टिप्पणी शुक्रवार को ऐसे समय में आई है जब इससे तीन दिन पहले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ पैनल को सूचित किया कि महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत प्रधानमंत्री आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा. सीपीडब्ल्यूडी जो परियोजना डेवलपर है, ने विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) को सूचित किया था कि संसद भवन का विस्तार और एक नया संसद भवन का निर्माण नवंबर 2022 तक होगा और प्रधानमंत्री आवास का निर्माण दिसंबर 2022 तक किया जाएगा. पर्यावरण मंत्रालय ने मौजूदा संसद भवन के विस्तार और नवीनीकरण के लिए पहले ही मंजूरी दे दी है, जो कि 13,450 करोड़ रुपये के सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है.

इसके पहले देश के 60 पूर्व नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर केंद्र की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर चिंता व्यक्त की है और कहा कि ऐसे वक्त में जब जन स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए भारी भरकम धनराशि की जरूरत है तब यह कदम गैरजिम्मेदारीभरा है. सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर 20 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. पत्र को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी को भी संबोधित किया गया है. पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि संसद में इस पर कोई बहस अथवा चर्चा नहीं हुई.