केंद्र सरकार वापस ले तीनों किसान विरोधी कृषि कानून: मलिक

- सहारनपुर में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा की बैठक को सम्बोधित करता वक्ता।
सहारनपुर [24CN] । पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने कहा कि सरकार व चीनी मिल मालिकों की आपस में मिलीभगत है क्योंकि सरकार ने गन्ने का जो मूल्य घोषित कर रखा है, वह लागत मूल्य भी नहीं है और सही समय पर सरकार उसका भुगतान नहीं कर पाती। उन्होंने कहा कि जनपद की चीनी मिलों पर अभी भी किसानों का 120 करोड़ रूपया बकाया है। प्रदेश महासचिव आसिम मलिक आज यहां चिलकाना रोड महफूज गार्डन में आयोजित मोर्चा कार्यकर्ताओं की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार में बैठे तमाम नेता किसानों की आय दोगुनी करने की बात करते हैं। किसानों की आय दोगनी करना तो दूर उनका लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ने का समर्थन मूल्य 600 रूपए प्रति कुंतल होना चाहिए। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को जुमलेबाजी की सरकार बताते हुए कहा कि कृषि प्रधान देश के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का प्रधानमंत्री अपने मन की बात तो करते रहते हैं लेकिन दिल्ली में खुले आसमान के नीचे डेरा जमाए लाखों किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि कृषि प्रधान देश में खेती व किसानों को आगे बढ़ाकर ही देश की उन्नति की जा सकती है परंतु केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों काले कानून किसान के फायदे के लिए नहीं है। इनसे केवल देश के चंद कारपोरेट घरानों को लाभ होगा। इससे एक ओर जहां किसान बर्बाद हो जाएगा, वहीं मजदूर, आम उपभोक्ता, छोटा व्यापारी व दुकानदार भी प्रभावित होगा। इसलिए केंद्र सरकार को इन तीनों कानूनों को तत्काल वापस लेना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोर्चा के उपाध्यक्ष फिरोज खान ने कहा कि जब तक देश के किसानों को उनकी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं मिलेगा तब तक देश व किसान का भला नहीं होगा क्योंकि किसानों की क्रय शक्ति बढऩे से ही देश आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है। उन्होंने मांग की कि देश के अन्नदाता किसान को बचाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
उन्होंने किसानों के गन्ने का समर्थन मूल्य 600 रूपए रूपए प्रति कुंतल दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 1967 में जब चौ. चरणसिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे उस समय गन्ने का समर्थन मूल्य 12 रूपए प्रति कुंतल था तथा उसकी समय प्राइमरी स्कूल के अध्यापक का वेतन 70 रूपए प्रति माह था जो आज 1000 गुणा बढ़कर 70 हजार प्रति माह हो गया है। इस हिसाब से गन्ने का मूल्य भी 12 हजार रूपए प्रति कुंतल होना चाहिए। बैठक को जिलाध्यक्ष चौ. नीरज कपिल, शुभम कुमार, गौरव त्यागी ने भी सम्बोधित किया। बैठक में अजीत कुमार, सलमान, फिरोज खान, नसीम, अक्षय चौधरी, फैज खान, स. गुलविंद्र सिंह, इब्राहिम, सद्दाम मलिक, सुरेश कुमार, सुमित चौधरी, अरविंद कपिल, एहसान, मुकर्रम प्रधान, साकिब सिद्दीकी, अमित कुमार, संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।