केंद्र सरकार ने सोनिया गांधी को दिखाया आईना, PM मोदी को लिखी चिट्ठी पर दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारतीय संसद लोकतंत्र का मंदिर है और उसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी से आग्रह किया कि कांग्रेस पार्टी इस विशेष सत्र में शामिल हो और सुचारू ढंग से चर्चा हो। पीयूष गोयल ने कांग्रेस को विषयहीन करार देते हुए कहा कि कांग्रेस महज देश को बांटने का काम करती है।
नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) को विशेष सत्र को लेकर एक पत्र लिखा। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सोनिया गांधी पर जमकर निशाना साधा।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय संसद लोकतंत्र का मंदिर है और उसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने सोनिया गांधी से आग्रह किया कि कांग्रेस पार्टी इस विशेष सत्र में शामिल हो और सुचारू ढंग से चर्चा हो
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र में नौ मुद्दों पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र में देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, चीन के साथ सीमा गतिरोध सहित नौ मुद्दों पर चर्चा कराई जानी चाहिए।
‘विषयहीन है कांग्रेस’
सोनिया गांधी द्वारा लिखे गए पत्र के बाद केंद्रीय मंत्री का बयान सामने आया और उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीयूष गोयल ने कांग्रेस को विषयहीन करार देते हुए कहा कि कांग्रेस महज देश को बांटने का काम करती है।
पीयूष गोयल ने कहा कि सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है जिस पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब भेजा है… हमें आश्चर्य है कि सोनिया गांधी जी को इतना भी नहीं पता है कि सदन की कार्यवाही कैसे बुलाई जाती है? उसकी परंपरा क्या है?
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि सोनिया गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ने इसका राजनीतिकरण करने की कोशिश की है… मैं सोनिया गांधी और उनकी पार्टी से विशेष सत्र में हिस्सा लेने का आग्रह करता हूं।
प्रह्लाद जोशी ने भी साधा निशाना
इसी बीच प्रह्लाद जोशी ने भी सोनिया गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने सोनिया गांधी को न सिर्फ संसदीय परंपराओं की याद दिलाई, बल्कि संसद के कामकाज के राजनीतिकरण और अनावश्यक विवाद पैदा करने के प्रयास का भी आरोप लगाया।
सोनिया गांधी को संबोधित पत्र में बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री ने लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप हमारे लोकतंत्र के मंदिर के कामकाज का भी राजनीतिकरण करने और जहां कोई विवाद नहीं है, वहां अनावश्यक विवाद पैदा करने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने अनुच्छेद 85 के तहत सोनिया राष्ट्रपति द्वारा संसद सत्र बुलाए जाने के नियम का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्ण रूप से स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही संसदीय कार्य संबंधी मंत्रिमंडल समिति के अनुमोदन के बाद राष्ट्रपति ने 18 सितंबर से आरंभ होने वाले संसद सत्र को बुलाया है। प्रल्हाद जोशी ने पत्र में लिखा,
शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र बुलाने से पहले न कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है। राष्ट्रपति द्वारा सत्र बुलाए जाने के बाद और सत्र आरंभ होने के पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है, जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।