किसान विरोधी है केंद्र व राज्य सरकार: भगतसिंह वर्मा

सहारनपुर [24CN]। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगतसिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार किसान विरोधी हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि काले कृषि कानूनों को वापस कराने व गन्ने का मूल्य भुगतान ब्याज समेत कराने के लिए 27 फरवरी को किसान भारी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने का काम करें।

भगतसिंह वर्मा आज यहां मुक्ति मोर्चा के कार्यालय पर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलना तो दूर, लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश की योगी सरकार की चीनी मिल मालिकों से मिलीभगत है। उत्तर प्रदेश की 120 चीनी मिलों पर वर्तमान गन्ना पेराई सत्र का 12151 करोड़ रूपया बकाया हो गया है और विगत वर्ष का भी अभी तक 655 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है।

उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में देरी से किए गए गन्ना मूल्य भुगतान पर लगा 8 हजार करोड़ रूपए ब्याज भी चीनी मिलों पर बकाया है जिसके न मिलने से प्रदेश के किसान भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने सरकार व चीनी मिल मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बार देश के किसान सरकार से आरपार की लड़ाई लडऩे के मूड में है। इसी कड़ी में सहारनपुर व मेरठ मंडल से किसान 27 फरवरी को गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना होंगे।

प्रदेश महासचिव आसिम मलिक ने कहा कि सहारनपुर मंडल की 17 चीनी मिलों पर 2249 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य भुगतान व 1400 करोड़ रूपए ब्याज बकाया है। जबकि जिले की छह चीनी मिलों पर 640 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य भुगतान व 450 करोड़ रूपए ब्याज बकाया है।

जिलाध्यक्ष नीरज कपिल ने कहा कि केंद्र सरकार तत्काल तीनों कृषि कानूनों को अविलम्ब वापस ले तथा किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए डा. स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को लागू करने का काम करें। बैठक में कोषाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, राष्ट्रीय सलाहकार हाफिज मुर्तजा, मुफ्ती असद कासमी, प्रदेश सचिव विनोद सैनी, स. गुरविंद्र सिंह बंटी, वीरेंद्र सिंह बिल्लू, डा. मो. अरशद, हाजी सुलेमान, रविंद्र प्रधान, आदेश त्यागी, प्रधान अजीत सिंह, संजय त्यागी, डा. यशपाल त्यागी आदि मौजूद रहे।