लॉकडाउन: दिल्ली खोलने पर केंद्र ने तरेरी आंखें, हेल्थ मिनिस्टर बोले- छूट नहीं, सख्त ऐक्शन की जरूरत

- सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था, लंबे समय तक नहीं रख सकते लॉकडाउन
- रविवार को बोले, हमारी अर्थव्यवस्था संकट में, इस साल अप्रैल में सिर्फ 300 करोड़ रेवेन्यू आया
- केंद्र सरकार ने जो भी छूट देने के निर्देश दिए, वे सभी छूट दिल्ली में दी गईं
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, कम से कम छूट दे दिल्ली सरकार
नई दिल्ली
लॉकडाउन 3.0 की शुरुआत 4 मई से हो गई। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने प्रतिबंधों में बहुत हद तक ढील दी है। चूंकि पूरी दिल्ली रेड जोन है, ऐसे में उन्होंने केंद्र से अपील की थी कि केवल कंटेनमेंट जोन को ही रेड जोन घोषित किया जाए। सोमवार को दिल्ली के सरकारी/प्राइवेट दफ्तर खुल गए। सीएम केजरीवाल ने सचिवालय में कैबिनेट मीटिंग की। इसके अलावा शराब की दुकानें भी खुलीं जहां लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में छूट दिए जाने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि यहां और कड़े ऐक्शन की जरूरत है। छूट कम से कम दी जानी चाहिए।
दिल्ली में क्यों सख्ती चाहती है केंद्र सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि वह ऑफिशियली कुछ नहीं कहेंगे। मगर व्यक्तिगत तौर पर उन्होंने कहा, “मैं ऐसा मानता हूं कि दिल्ली देश के गिने-चुने उन प्रदेशों में से हैं जहां कोरोना की स्थिति को काबू करने के लिए और ज्यादा गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। उस नाते लॉकडाउन 3.0 के तहत, मेरे विचार में दिल्ली जैसी जगह में कम से कम छूट दी जानी चाहिए। लेकिन यह निर्णय राज्य सरकार का है। होम मिनिस्ट्री ने डिटेल्ड गाइडलाइंस दिए हैं लेकिन अपने-अपने स्टेट की परिस्थिति के हिसाब से स्टेट गवर्नमेंट को यह निर्णय करना है कि उनके प्रदेश में किस गाइडलाइंस को किस मात्रा में फॉलो करना उचित है।”
दिल्ली में सीएम ने इस वजह से दी है छूट
मुख्यमंत्री केजरीवाल रविवार को जनता से रूबरू हुए थे। अपने मैसेज में उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने जो भी छूट दी हैं, वे सभी छूट हम दिल्ली में देने वाले हैं। उन्होंने कहा था कि सोमवार से सभी सरकारी दफ्तर खुलने जा रहे हैं। दिल्ली के सारे प्राइवेट ऑफिस भी खुलेंगे, लेकिन ये सिर्फ 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम करेंगे। केजरीवाल ने कहा था कि हमारी अर्थव्यवस्था संकट में है और हम लंबे समय तक लॉकडाउन को बरकरार नहीं रख पाएंगे। राजस्व पिछले साल के अप्रैल माह में 3,500 करोड़ रुपये से गिरकर इस वर्ष 300 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने पूछा कि ऐसी स्थिति में सरकार कैसे काम कर पाएगी?
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से कैसे जाएं घर? दूर करें हर कन्फ्यूजनलॉकडाउन में प्रवासियों के चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों को लेकर कई लोग कन्फ्यूज हैं कि वो इन ट्रेनों से अपने घर जा सकते हैं या नहीं, साथ ही इसके लिए करना क्या होगा? यहां दूर कीजिए अपना सारा कन्फ्यूजन और समझिए पूरी प्रक्रिया।
दिल्ली में फिलहाल कुछ ऐसी है व्यवस्था
सोमवार से दिल्ली में केंद्र की गाइडलाइंस के हिसाब से इन चीजो की छूट दी गई है।
प्राइवेट गाड़ियां अधिकतम दो यात्रियों के साथ
दो पहिया गाडी पर केवल एक यात्री
प्राइवेट और सरकारी ऑफिस (अधिकतम 33 प्रतिशत कर्मियों के साथ)
घरेलू सहायक (7 बजे सुबह से 7 बजे शाम तक)
आईटी-आईटी एनेबल्ड सर्विस, कॉल सेंटर्स (अधिकतम 33 फीसदी कर्मियों के साथ)
सरकारी कार्यालयों में उप सचिव के ऊपर के सभी अधिकारी
कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस फसिलिटी
सिक्यॉरिटी गार्ड और स्वरोजगार वाले लोग
औद्योगिक क्षेत्र सीमित पहुंच के साथ
निर्माण कार्य, यदि कर्मी वहीं रहते हों तो
आवासीय परिसरों एवं मोहल्ले में सभी दुकानें
ई-कामर्स केवल जरूरी सामानों के लिए
कूड़ा प्रबंधन और पब्लिक यूटिलिटी में शामिल लोग
बैंक, बीमा, कोऑपरेटिव सोसाइटी और कैपिटल मार्केट
स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं, पुलिस
शराब की दुकानें
मास्क और रुमाल बांधे दिखे लोग
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कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए लोगों ने अपने चेहरे मास्क और रुमाल से ढके हुए थे। कोई बजइंतजामी न फैले इसके लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की सीमाएं टूटती नजर आईं।
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लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों पर भी ताले लटके हुए थे। ऐसे में जब सोमवार सुबह मॉडल शॉप के ताले खुले उससे पहले ही शराब खरीदने के लिए लोग लंबी-लंबी कतारें लगा चुके थे।
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राजधानी दिल्ली में भी शराब की दुकानें खुल गई हैं। दिल्ली के सभी जिले रेड जोन में हैं, इसके बावजूद दुकानें खोली गई हैं। दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोगों को दूर-दूर खड़े होने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जमीन पर मार्किंग भी गई है।
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कर्नाटक में शराब की दुकानें खुलने से एक दिन पहले ही बाकायदा नारियल चढ़ाकर पूजा की गई। सामने आई तस्वीरों में देखा गया कि बांगरपेट इलाके में एक व्यक्ति हाथ में नारियल लेकर शराब की दुकान के बाहर किसी तरह की पूजा कर रहा है।
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कर्नाटक के बेंगलुरु शहर में शराब लेने उमड़ी भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग ही भूल बैठी। कई तस्वीरों में लोगों को एकदम पास-पास खड़े देखा गया। तमाम निर्देशों को बावजूद ना तो दुकान के बाहर ना कोई मार्किंग दिखाई दी, ना ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे।
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शराब लेने के लिए लगी लाइन पूरे मैदान में फैल गई। रस्सी से बनाई गई लाइन में लोग दूर-दूर तो दिखे लेकिन लोगों की संख्या काफी ज्यादा थी।
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रेड जोन वाले लखनऊ में भी शराब लेने के लिए लोग दुकान खुलने से पहले ही पहुंच गए। यूपी सरकार ने सभी जोन में शराब की दुकानें खोलने की परमिशन दे दी है।
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कर्नाटक के हुबली में सुबह सात बजे से ही शराब की दुकानों के बाहर लाइन लग गई थी। दरअसल, सरकारों को शराब की बिक्री से सैकड़ों करोड़ों की आमदनी होती है। लॉकडाउन में यह आमदनी बंद हो गई थी। ऐसे में सबसे पहले शराब की दुकानों को परमिशन दे दी गई है। दुकानें खुलने के साथ ही लंबी-लंबी लाइनें भी लग गईं।
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रायपुर में शराब की दुकानें खुलने से पहले ही लाइन लग गई। केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक, सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक दुकानें खोली जा सकती हैं। हालांकि, लंबे समय से बिना शराब के रह रहे लोग काफी बेताब दिखे और जल्दी शराब लेने के लिए एकदम सुबह ली लाइन में लग गए।
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लॉकडाउन के दौरान सख्त हिदायत दी गई है कि सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क लगाए या मुंह ढके ना जाएं। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक शराब की दुकान पर आए लोगों ने इस नियम का पूरी तरह से पालन किया। जिन लोगों के पास मास्क नहीं थे, उन्होंने रुमाल या गमछे से अपना चेहरा ढक रखा था।
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लॉकडाउन 3 के पहले दिन खुल रही दुकानों और बाजारों में स्थिति बेकाबू ना हो इसके लिए पुलिस भी तैनात की गई है। शराब की दुकानों के बाहर भी सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस मौजूद है।
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कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है। इसी के मद्देनजर शराब की दुकानों के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर लाइन लगाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही जमीन पर भी पेंट से निशाना बनाए गए हैं कि लोग उन्हीं निशानों पर खड़े हों और एक-दूसरे से दूरी बनाए रखें।
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कोरोना के खतरे के कारण मार्च में जब लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब भी ठीक इसी तरह भीड़ उमड़ी थी। लॉकडाउन में शराब की दुकानें भी बंद होनी थीं इसलिए लोगों ने शराब का स्टॉक भी जमा कर लिया था।
अभी दिल्ली में इन बातों पर प्रतिबंध
साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा और टैक्सी-कैब
मेट्रो और बस सर्विस
होटल, रेस्टोरेंट, सिनेमाहॉल, बार
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग
नाई की दुकान, स्पा, सैलून
पूजा, इबादत के स्थल
सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम
सभी गैर जरूरी ऐक्टिविटी (7 बजे शाम से 7 बजे सुबह तक