केंद्र ने अब बंगाल के तीन IPS अधिकारियों की दिल्ली में तैनाती की, ममता बनर्जी ने बताया असंवैधानिक

कोलकाता : बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार राज्य के तीन आइपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के लिए गुरुवार को फिर से आदेश जारी किया। केंद्र ने अलग-अलग विभागों में तीनों अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है और उन्हें जल्द रिपोर्ट करने को कहा गया है। वहीं, इस कदम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच जारी रार और बढऩे की संभावना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के इस फैसले का कड़ा विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक और चुनाव से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए जल्द रिपोर्ट करने को कहा है
बता दें कि आमतौर पर किसी भी आइपीएस अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सेवा देने से पहले राज्य सरकार की सहमति ली जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं किया गया है। वहीं, गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार को तीनों आइपीएस अधिकारियों को तत्काल कार्यमुक्त करने के लिए पत्र भेजा है। तीनों आइपीएस अधिकारियों को भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए जल्द रिपोर्ट करने को कहा गया है।
तीनों अधिकारियों की नियुक्ति सेंट्रल सॢवसेज रूल तहत
बंगाल कैडर के जिन तीन आइपीएस को बुलाया गया है उनमें डॉ भोला पांडे को बीपीआरएंडडी के एसपी के तौर पर चार साल के लिए नियुक्ति की गई है। वहीं प्रवीण त्रिपाठी की एसएसबी के डीआइजी के तौर पर पांच साल के लिए नियुक्ति की गई है। इसके अलावा राजीव मिश्रा की आइटीबीपी के आइजी के तौर पर पांच साल के लिए नियुक्ति की गई है। तीनों अधिकारियों की नियुक्ति सेंट्रल सॢवसेज रूल 6(1) के तहत की गई है।
ममता का केंद्र पर निशाना, कहा- ये स्वीकार्य नहीं
वहीं, मुख्यमंत्री ममता ने कहा, राज्य की आपत्ति के बावजूद बंगाल के तीन सेवारत आइपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने के भारत सरकार का आदेश, आइपीएस कैडर नियम 1954 के आपातकालीन प्रावधान की शक्ति के जबरदस्त दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण है। ममता ने ट्वीट कर कहा, यह अधिनियम और कुछ नहीं है, बल्कि राज्य के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने और बंगाल में सेवारत अधिकारियों को हतोत्साहित करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोला
यह कदम, विशेष रूप से चुनावों से पहले संघीय ढांचे के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह असंवैधानिक और पूरी तरह से अस्वीकार्य है!मुख्यमंत्री ने आगे कहा, हम केंद्र द्वारा राज्य की मशीनरी को नियंत्रित करने के इस प्रयास को अनुमति नहीं देंगे! बंगाल विस्तारवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों के सामने सिर झुकाने वाला नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले भी बंगाल के अधिकारियों को दिल्ली तलब किए जाने पर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोला था।
नड्डा के काफिले पर हमले के बाद उठाया ये कदम
बता दें कि बंगाल के तीनों अधिकारियों की सेंट्रल डेपुटेशन पर नियुक्ति भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद की गई है। कुछ दिन पहले बंगाल दौरे पर गए नड्डा के काफिले पर दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में हमला किया गया था और इसी के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये कदम उठाया है।