समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का केंद्र ने किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया है। केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि समलैंगिक संबंध और विषमलैंगिक संबंध स्पष्ट रूप से अलग-अलग वर्ग हैं, जिन्हें समान नहीं माना जा सकता है।
मौजूदा कानून ‘एक पुरुष और एक महिला के बीच विवाह के कानूनी संबंध की मान्यता तक सीमित है, जिसे पति और पत्नी के रूप में दर्शाया गया था।’
हाल के महीनों में चार समलैंगिक जोड़ों ने अदालत से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग की है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के साथ कानूनी टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।