शिल्पकारों एवं कारीगरों के लिए भी केंद्र ने शुरु की योजना
- सहारनपुर में नगर निगम सहारनपुर का भवन।
सहारनपुर। केंद्र सरकार ने अब शिल्पकारों एवं कारीगरों के लिए भी एक नयी योजना, पी एम विश्वकर्मा योजना शुरु की है। यह योजना पांच वर्ष चलेगी और शत प्रतिशत भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी। योजना का उद्देश्य ऐसे शिल्पकारों एवं कारीगरों को उनके काम के प्रति प्रोत्साहित करना है जो अपने हाथों एवं छोटे उपकरणों के सहयोग से कार्य करते हैं। पी एम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन निशुल्क होगा। पात्र लाभार्थी स्वयं भी पोर्टल पर ऑन लाइन आवेदन कर सकते हैं।
अपर नगरायुक्त मृत्युंजय ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सात सितंबर से शुरु होने वाली पी एम विश्वकर्मा योजना में बढ़ई, नाव निर्माण, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले, ताला बनाने व मरम्मत वाले, मर्तिकार, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, क्वॉयर बुनकर, झाडू बनाने वाला, गुडिय़ा और खिलौने बनाने वाला, नाई, माली, धोबी, दर्जी व मछली का जाल बुनने वाले पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि इन पात्रों को चिन्हित करते हुए उनका जनसेवा केंद्रों के माध्यम से पोर्टल पर पंजीकरण कराया जायेगा।
वार्ड स्तर पर कर संग्रहकर्ता को चिन्हिकरण एवं पंजीकरण का दायित्व निर्धारित किया गया है। पार्षदों से भी अपेक्षा की गयी है कि वे भी अपने अपने वार्ड में उक्त कारीगरों एवं शिल्पियों को पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने में सहयोग करेंगे।
अपर नगरायुक्त ने बताया कि योजना का उद्देश्य कारीगरों एवं शिल्पकारों का प्रशिक्षण द्वारा कौशल उन्नयन करना, उन्हें आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराना, प्रशिक्षार्थियों को आसान प्रक्रिया से गारण्टी फ्री ऋण उपलब्ध कराना, उन्हें डिजीटल लेन देन में पारंगत करना, हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को ब्राण्ड प्रमोशन एवं विपणन लिंकेज में सहयोग प्रदान करते हुए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि केवल वे ही व्यक्ति इसके पात्र होंगे जिन्होंने राज्य या केंद्र सरकार की समान क्रेडिट योजना में कोई ऋण न लिया हो। ऐसे लाभार्थी जिन्होंने पिछले पांच वर्षो में मुद्रा लोन, पी एम ई जी पी एवं पी एम स्वनिधि ऋण लिया हो और अपना ऋण पूरा चुका दिया हो, वे भी पी एम विश्वकर्मा योजना के पात्र होंगे।