श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गुरू अर्जुनदेव का शहीदी पर्व
सहारनपुर [24CN] । पंजाबी गुरूद्वारा समिति के तत्वावधान में सिखों के पांचवें गुरू श्री अर्जुन देव का शहीदी पर्व बड़ी श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गया। गौशाला रोड स्थित पंजाबी गुरूद्वारा में आयोजित शहीदी पर्व कार्यक्रम में मौजूद संगत को हैंडग्रंथी ने बताया कि गुरू अर्जुन देव का जन्म 413 साल पहले गोविंदवाल साहब में हुआ था। इनके पिता का नाम गुरू रामदास था। गुरू अर्जुन देव बचपन से ही प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की और लाहौर में आकर सेवा करने लगे। उन्होंने अपने समय में धर्म के बहुत कार्य किए तथा सिखी का बहुत अधिक प्रचार किया। इस वजह से तत्कालीन बादशाह जहांगीर उनसे ईष्र्या रखने लगे तथा अपने वजीर चंदू द्वारा आरोप लगाकर गुरू अर्जुन देव को गिरफ्तार करा दिया तथा उन्हें सजा के रूप में गरम तवे पर बैठा दिया गया तथा सिर पर गरम रेत डाली गई परंतु गुरूजी टस से मस नहीं हुए और कहा कि तेरा भाना मीठा लगे। इसका अर्थ है कि ईश्वर हमारे लिए जो कर रहा है उसको उन्हें प्रसाद मानना चाहिए। तत्पश्चात गुरूजी को एक पत्थर में बांधकर रावी नदी में डुबो दिया गया। इस तरह गुरू अर्जुन देव सच्चाई के लिए शहीद हो गए। रागी जत्थे द्वारा गुरूजी के शहीदी पर्व पर गुरवाणी द्वारा संगत को निहाल किया गया।
कार्यक्रम में गुरूद्वारा प्रबंध समिति द्वारा कोरोनाकाल में योद्धा की तरह काम करने पर डा. अजय कुमार सिंह को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात गुरू का अटूट लंगर वितरित किया गया। इस दौरान गुरूद्वारा सभा के अध्यक्ष कुलवंत भाटिया, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह वढेरा, व्यापार मंडल के महामंत्री स. सुरेंद्र मोहन सिंह चावला, खालसा स्कूल के प्रधानाचार्य स. गुरविंदर सिंह, गुरूसिंह सभा के उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह चड्ढा, गुरूनानक गल्र्स कालेज के प्रबंधक बोबी माकन, अमनप्रीत सन्नी, गुरूवचन सिंह कक्कड़ आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।