सादगी से मनाया गुरू हरकिशन जी का प्रकाशोत्सव

सादगी से मनाया गुरू हरकिशन जी का प्रकाशोत्सव
  • कीर्तन करता रागी जत्था

देवबंद [24CN] : गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आठवें पातशाह साहिब श्री गुरू हरकिशन साहिब का प्रकाशोत्सव कोविड नियमों का पालन करते हुए सादगी से मनाया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि आठवें पातशाह गुरू हरकिशन साहिब जी का जन्म 1656 ई. को कीरतपुर साहिब में गुरू हरराय साहिब के यहां हुआ। गुरू हरकिशन जी को 5 वर्ष की उम्र में गुरूता गद्दी पर बैठे।

पंजाब से दिल्ली जाते गुरू जी अम्बाला के पंजोखरा गांव में रुके तो वहां विद्वान पंडित जी इतनी छोटी उम्र में उनके गुरू बनने पर प्रशन उठाते हुए उनसे गीता के श्लोक के अर्थ सुनाने को कहा। गुरू जी ने पंडित जी द्वारा लाए गये गांव के गूंगे व्यक्ति छज्जू झीवर के सिर पर अपनी छड़ रखकर उसके मुख से गीता के श्लोक के अर्थ सुनवा दिए। गुरू जी जब 8 वर्ष के थे तो दिल्ली में चेचक की बीमारी फैल गई।

गुरू जी ने रोगियों की सेवा करते हुए राजा जय सिंह के महल में सरोवर खुदवाया और वरदान दिया कि जो इसके जल में नहायेंगा व निरोगी हो जायेगा। आज उसी स्थान पर गुरूद्वारा बंगला साहिब सुशोभित है। गुरू जी 8 वर्ष की उम्र में ही ज्योति ज्योत समां गए। ज्ञानी पवन सिंह खालसा, प्रमोद सिंह व दशमेश कीर्तनी जत्थे ने गुरवाणी का गायन कर संगतों को निहाल किया। संचालन गुरजोत सिंह सेठी ने किया। इस दौरान चंद्रदीप सिंह, गुरदीप सिंह, जसवंत सिंह, गुरविंदर सिंह छाबड़ा, सचिन छाबड़ा, बलदीप सिंह, हर्ष भारती, बिट्टू कपूर, हर्ष मनचंदा, जितेश बतरा, राजपाल नारंग, अमन सेठी, राजेश छाबड़ा आदि मौजूद थे।