कोलकाता। राज्य के तीन विधायकों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी व मदन मित्रा की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि सीबीआइ ने उनकी अनुमति के बिना ही यह कार्रवाई की है। उन्होंने इस बाबत राज्यपाल के अनुमोदन को भी गैरकानूनी करार दिया। गौरतलब है कि गिरफ्तार किए गए तीन विधायकों में से फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी राज्य के मंत्री भी हैं।
विमान बनर्जी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा-‘विधायकों को गिरफ्तार करने के लिए मुझसे अनुमति लेना तो दूर की बात है, मुझे सूचित तक नहीं किया गया। जिस तरह किसी सांसद को गिरफ्तार करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति लेनी जरूरी होती है, उसी तरह किसी विधायक की गिरफ्तारी के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष से अनुमति लेना अनिवार्य है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।’ बनर्जी ने आगे कहा- कलकत्ता हाईकोर्ट ने नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड में सीबीआइ से स्पष्ट रूप से पूछा था कि क्या विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति ली गई है? राज्य सरकार ने अपना पक्ष रहते रखते हुए अदालत को सूचित किया था कि इस बाबत कोई अनुमोदन नहीं दिया गया है तथा किसी तरह की अनुमति भी नहीं ली गई है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआइ से कहा था कि विधायकों की गिरफ्तारी के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेनी जरूरी है।’
विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के अनुमोदन को गैरकानूनी करार देते हुए कहा-‘विधानसभा अध्यक्ष का पद शून्य रहना अलग बात है। इस मामले में ऐसा कुछ नहीं है।मुझे नहीं पता कि सीबीआइ किस कारण से राज्यपाल के पास गई। सीबीआइ इस तरह से विधायकों को गिरफ्तार नहीं कर सकती। वहीं राज्यपाल ने भी इस मामले में अनुमति क्यों दे दी, यह भी हैरान करने वाली बात है। दूसरी तरफ सीबीआइ ने कहा कि इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है।राज्यपाल से अनुमति लेकर इस तरह की कार्रवाई की जा सकती है।