चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएसवाई पूरन कुमार की आत्महत्या (IPS Puran Suicide Case) के दो दिन बाद वीरवार रात करीब 10.40 बजे चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के डीजीपीशत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया समेत सुसाइड नोट में शामिल 14 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108(आत्महत्या के लिए उकसाना), 3(5), 3(1)(आर) और एससीएसटीएक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

पीड़ित परिवार लगातार एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहा था। हरियाणा की आईएएस लॉबी भी अमनीत पी कुमार के साथ थी। कुछ अधिकारी वीरवार को उनके घर भी आए। परिवार ने चेतावनी दी थी कि जब तक सभी आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होगी तब तक वह पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे। पहले कहा जा रहा था कि पूरन कुमार की एक बेटी ने अमेरिका से वापस आना था इसलिए भी पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को रोका गया था।

वीरवार को वह भी चंडीगढ़ पहुंच गई, लेकिन पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मामले में एडवोकेट जनरल से राय ली और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के साथ भी चर्चा की। सीएम ने चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर डीजीपीशत्रुजीत कपूर से भी मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। बता दें कि सातअक्टूबरकोवाई पूरन कुमार ने सेक्टर 11 स्थित अपने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी।

उन्होंने आठ पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने मौजूदा डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर, एसपीरोहतक नरेंद्र बिजारणिया समेत कुछ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम लिखे थे। इनमें दो पूर्व डीजीपी भी थे।

वाई पूरन कुमार की पत्नी व हरियाणा की वरिष्ठ आईएएसअमनीत पी कुमार ने बुधवार को जापान से लौटने के बाद पति के सुसाइड नोट में शामिल अफसरों के खिलाफ चंडीगढ़ सेक्टर-11 के थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा था कि कई वर्षों से उनके साथ जातीय भेदभाव हो रहा था। उन्होंने जब आवाज उठाने की कोशिश की तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।