कैप्टन अमरिंदर दिल्ली में डटे, आज रखेंगे कमेटी के सामने पक्ष
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- पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में हैं। पंजाब कांग्रेस में घमासान के मामले में उनकी आज केंद्रीय कमेटी से बात नहीं हुई। अब वह आज कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। वह वीरवार काे दिल्ली पहुंचे थे।
चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह पर राज्य के पार्टी के विधायकाें, सांसदाें और मंत्रियों के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्रीय कमेटी के समख आज अपना पक्ष रखेंगे। कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने केलिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह वीरवार को दिल्ली पहुंच गए थे। दिल्ली पहुंच कर मुख्यमंत्री सीधे कपूरथला हाउस पहुंचे। यहां पर दिन भर उन्होंने अपने भरोसेमंद मंत्रियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री वीरवार को मल्लिकार्जुन खड़गे , जेपी अग्रवाल और हरीश रावत की कमेटी के समक्ष पेश नहीं हुए।
पहले कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह वीरवार को कमेटी के सामने पेश होंगे। इसके लिए वह दोपहर करीब 11.40 बजे हैलीकाप्टर से दिल्ली भी चले गए, लेकिन वह आज कमेटी के सामने पेश नहीं हुए। वहीं, आज श्री आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने कमेटी के सामने राज्य में पार्टी के हालातों पर अपने विचार रखे।
वहींं, मुख्यमंत्री अमरिंदर दिन भर कपूरथला हाउस में विश्वनसीय मंत्रियों के साथ चर्चा करते रहे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अपने साथ कई फाइलें भी ले गए है। इनमें उनकी सरकार के कामकाज के ब्योरे से लेकर वह सारे तथ्य मौजूद है, जो उनके खिलाफ बोलने वालों के संबंध में हैं। वहीं, शाम को हरीश रावत ने यह कहा कि मुख्यमंत्री वीरवार देर शाम या शुक्रवार को कमेटी के सामने पेश होंगे। वहीं, चर्चा इस बात को लेकर गर्म है कि अगर मुख्यमंत्री को शुक्रवार को ही कमेटी के सामने पेश होना था तो वह एक दिन पहले दिल्ली क्यों गऐ। वहीं, पहले यह भी कहा जा रहा था कि मुख्यमंत्री कमेटी के साथ-साथ पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करना चाहते है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सोनिया गांधी ने उन्हें मुलाकात का समय दिया है या नहीं।
पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के उपरांत कमेटी अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को दे देगी। इसके उपरांत राहुल गांधी व प्रियंका गांधी कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू व एक दो अन्य नेताओं को बैठाकर समझौते की राह बना सकते है। तीन दिन की कवायद में कांग्रेस को यह स्पष्ट हो गया है कि 2022 से पहले आपसी खींचतान के कारण कांग्रेस पंजाब में बिखरने लगी है।
वहीं, पार्टी के सामने प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ को बदलने, कैबिनेट में फेरबदल करने के भी विकल्प खुले हुए है। लेकिन, पार्टी नेताओं का यह भी मानना है कि चुनावी वर्ष में कैबिनेट में फेरबदल करने से नुकसान भी हो सकता है। क्योंकि, जिस मंत्री को हटाया जाएगा, वह बगावती सुर छेड़ सकता है। वहीं, पार्टी में अगर नया प्रदेश प्रधान बनाया गया तो चुनाव की सारी कवायद करना भी नए प्रधान के लिए आसान नहीं होगा।
माना जा रहा है कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही इन सारे विषयों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि इन दिनों कांग्रेस पार्टी ने कलेश चल रहा है। कांग्रेस के काफी विधायक व मंत्री मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कारगुजारी पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान ने इसी कलेश को खत्म करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया हुआ है। जोकि पिछले तीन दिनों से पंजाब कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों, राज्य सभा सदस्यों व वर्तमान व पूर्व प्रदेश प्रधानों के विचार सुन रही थी।