कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा-कांग्रेस में अब सब कुछ दिल्ली से तय होता है

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा-कांग्रेस में अब सब कुछ दिल्ली से तय होता है
  • पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) नई पार्टी बनाने का ऐलान करने के दो दिन बाद अब अपने पत्ते खोले हैं.

नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने का फैसला किया है. नई पार्टी के फैसले के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की अम्र को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. कैप्टन ने सियासत में उम्र को बाधा न मानते हुए कहा कि अकाली दल के अध्यक्ष की उम्र देखिए. गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की उम्र 80 वर्ष है और अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल 93 साल के हैं. नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) का कांग्रेस हाईकमान और पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू से शिकायत कम नहीं हुई है. कैप्टन ने कहा, ‘मैंने पार्टी बनाने का फैसला किया है. मैं घर नहीं बैठूंगा. अपमान के बाद मैंने पार्टी बनाने के फैसला लिया था.”

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) नई पार्टी बनाने का ऐलान करने के दो दिन बाद अब अपने पत्ते खोले हैं.  उनकी पार्टी गठबंधन करेगी और अपने अपमान का बदला लेगी.

कैप्टन ने राज्य के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की प्रशंसा की है लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा- पंजाब के सीएम अच्छा काम कर रहे हैं. वो मेरे मंत्रिमंडल में मंत्री थे. लेकिन नवजोत सिदूध अस्थिर आदमी हैं. उन्होंने कहा- कांग्रेस पार्टी ने पंजाब में एक ऐसा प्रेसिडेंट बना दिया, जो अस्थिर है. चुनाव के नजदीक में चेहरा बदलना सही नहीं हैं. अब सबकुछ दिल्ली से तय होता है.’

विधायक दल का नेता मैं था. विधायकों की मीटिंग उनकी तरफ बुलाई गई और मुझे जानकारी दी गई. रातोंरात फैसला ले लिया लिया गया. कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी का टेलीफोन मेरे पास आया. उन्होंने कहा कि मै समझती हूं कि आपको रिजाइन देना चाहिए. मैने रिजाइन दे दिया. मैंने उनसे नहीं पूछा कि इस्तीफा क्यों मांग रहे हैं.’

पंजाब में सुरक्षा के हालात और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर कैप्टन बोले-गृह मंत्री से मुलाकात के दौरान सुरक्षा के मुद्दे पर बातचीत हुई है. कृषि सुधारों पर चर्चा की जरूरत है. किसान आंदोलन पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. एमएसपी पर केंद्र को भरोसा देना चाहिए.