Cabinet Meeting Today 8 Sep 2021: कैबिनेट ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दी

Cabinet Meeting Today 8 Sep 2021: कैबिनेट ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम को मंजूरी दी
  • टेक्सटाइल सेक्टर (Textile Sector) के लिए कैबिनेट से प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI-Production Linked Incentive) को मंजूरी मिल गई है.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. टेक्सटाइल सेक्टर (Textile Sector) के लिए कैबिनेट से प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम को मंजूरी मिल गई है. मैनमेड फाइबर अपेरल के लिए 7,000 करोड़ रुपये और टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए 4,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वस्त्र उद्योग के लिये जितने कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाएं हैं, वह शायद ही पहले कभी उठाये गए हों. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपना वर्चस्व दिखा पाएगा.

प्रत्यक्ष रूप से 7.5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. वैश्विक वस्त्र व्यापार में भारत का प्रभुत्व बढ़े इसके लिए पीएलआई स्कीम को मंजूरी दी गई है. उनका कहना है कि 5 साल में 10,683 करोड़ रुपये प्रोत्साहन मुहैया कराए जाएंगे. सरकार के इस फैसले से प्रत्यक्ष रूप से 7.5 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा.

प्रोसेसिंग यूनिट ज्यादा आएं इस पर ध्यान दिया जाएगा
उन्होंने कहा कि हॉल ही में अनेक निर्णय लिये गएं हैं, जो दर्शाते है कि कैसे प्रधानमंत्री जी ने इस क्षेत्र को प्रोत्साहन दिया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें दिशा दी है कि जो विकसित देश हैं, जिनके साथ व्यापार में दो तरफा फायदा हो, उस पर फोकस किया जाए. उन्होंने कहा कि पूरी वैल्यू चैन, जिसकी Man Made Fiber और Technical Textile में जरूरत पड़ती है, उसे प्रोमोट किया जाएगा. फैब्रिक आज भारत में बने और प्रोसेसिंग यूनिट ज्यादा आएं इस पर हमारी कोशिश रहेगी. उन्होंने कहा कि प्रोडक्शन के ऊपर 10,683 करोड़ रुपये का इन्सेंटिव दिया जाएगा. उनका कहना है कि सरकार ने इस इन्सेंटिव को दो हिस्से बांटा हुआ है, जो लोग 100 करोड़ रुपये और 300 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश करते हैं उन्हें इसका फायदा दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जब भारत में प्रोडक्शन बढ़ता है, अच्छी गुणवत्ता के प्रोडक्ट बनते हैं, तो क्वालिटी और प्रोडक्टिविटी साथ में जुड़कर भारत के प्रोडक्ट की Competitiveness भी बनती है और स्वाभाविक रूप से उसका एक्सपोर्ट की संभावना भी बढ़ती है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा हम FTAs की गहराई में जाते हैं ताकि वह भारत के किसी भी स्थापित सेक्टर को नुकसान ना पहुंचाएं और भारत को अधिक लाभ मिले और ये दो तरफा हो. ऐसा ना हो कि हमारा बाजार दूसरों के लिये खुल जाये, और हमें जो बाजार मिलना था, उसका लाभ हमें ना मिले.